यादों के झरोखे से….
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1 min readJan 4, 2016
यादों के झरोखे से, मन में है कोई आता
आँखों में नमी दे कर, न जाने कहाँ वो छुप जाता
सपनो के अम्बर पर, आता है वो उड़ कर
जब देखूं उसे मै तो, तारों की तरह है वो भाता
यादों के झरोखे से, मन में है कोई आता
आशाओं की है लड़ी, उम्मींदें भी हैं बड़ी
जब देखूं उसे न मैं, मन क्यूं है मेरा ये घबराता
यादों के झरोखे से, मन में है कोई आता
कुछ धुंधले से साये हैं, सब अपने ही आयें हैं
पर हैं तोह सब इंसान, कुछ पल के यहाँ महमान
यादों के झरोखे से, मन में है कोई आता