आधुनिक जीवन शैली से हमारे मानसिक स्वास्थय पर हो रहे गहरे प्रभाव |

मल्टीटास्किंग — एक मिथ्या |

जाने की किस तरह ये आदत आपकी ज़िन्दगी बिगाड़ रही है?

“जीवन बस उसी की अभिव्यक्ति है, जहा आप अपनी ऊर्जा का निवेश करते है |”

जब एक ही वक़्त में दो कार्य किये जा सकते है तो फिर एक ही काम क्यों करे ? ठीक ? खाना खाते खाते या कॉफ़ी पीते पीते टीवी देखना हो या अपने फ़ोन पर सोशल मीडिया पर काम करना, ये सब हमारी रोज़ की दिन चर्या का अभिन्न हिस्सा हो चूका है |

खैर मिशिगन यूनिवर्सिटी की जर्नल ऑफ़ एक्सपेरमेंटल साइकोलॉजी : ह्यूमन परसेप्शन एंड परफॉरमेंस में छपी रिसर्च का इस बारे में कुछ और ही कहना है | इस रिसर्च के अनुसार “ जो लोग एक वक़्त पर एक ही काम करते है उनके मुकाबले एक साथ कई काम करने वाले लोगो की किसी एक चीज़ पर ध्यान केंद्रित की छमता काफी काम होती है |”

स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी भी इस शोध का समर्थन करती है | इस बारे में यूनिवर्सिटी ऑफ़ ससेक्स का कहना है की एक साथ कई काम करने से दिमाग के काम करने के तरीके भी प्रभावित होते है | शोध में हिस्सा लेने वाले विद्यार्थियों के दिमाग में ग्रे मैटर की मात्रा कम पायी गयी, जिसका अर्थ है की उन विद्यार्थियों का अपने दिमाग पर कम नियंत्रण है और किसी एक बात पर अपना ध्यान टिकाये रखने के लिए उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ता है |

“जब आप ५ मिनट के लिए अपना फेसबुक / इंस्टग्राम पोस्ट चेक करते है तब आप ५ मिनट नहीं बल्कि २५ मिनट बर्बाद करते है |” ग्लोरिया मार्क, शोधकर्ता |

अगर आप ये जानना चाहते है की सिर्फ २ घंटो में आपके किसी चीज़ पर ध्यान केंद्रित न कर पाने की वजह से आपका कितना वक़्त बर्बाद होता है तो दो घंटो में आप जितनी बार डिस्ट्रक्ट हुए है या कहे की जितनी बार आपका ध्यान उस चीज़ से हटा है उसे २३ मिनट १५ सेकंड से गुणा कर दें क्युकी एक बार किसी बात से ध्यान से हटने पर उसी बात पर ध्यान फिर से केंद्रित करने में २३ मिनट १५ सेकंड लगते है |

माइक्रोसॉफ्ट कारपोरेशन की रिसर्च के हिसाब से हर ८ सेकंड में लोग अपना ध्यान खो देते है, इस से ज़्यादा ध्यान केंद्रित रखने की क्षमता गोल्डफिश की होती है जो की ९ सेकंड तक अपना ध्यान केंद्रित रख सकती है |

अगर ऊपर बताई गयी रिसर्च की शोधो के बाद आप एक साथ कई कामो को करने के भीषण नुक्सान के खतरों को मान रहे है तो चलिए अब इस समस्या के समाधान के बारे में सोचते है |

“किसी सफल और असफल व्यक्ति के बीच का अंतर सिर्फ उनके किसी भी विषय पर ध्यान केंद्रित रख पाने की क्षमता भर है |” स्वामी विवेकानंद |

होता दरअसल ये है की आपकी एक साथ कई जगहों पर ध्यान लगाने की आदत आपकी किसी भी एक चीज़ पे ध्यान केंद्रित करने की क्षमता को बोहोत हद तक नुकसान पोहोचा कर उसे कमज़ोर कर देती है जिसका परिणाम काफी भयंकर होता है |

दिन के ८०% वक़्त आप ध्यान हटाने की आदत का अभ्यास करेंगे तो आपको नहीं लगता की आप इस आदत के चैंपियन बन जाएंगे ?

ये करती है आपकी एक साथ कई जगहों पर ध्यान लगाने आदत, ये आपको दिन के ज़्यादातर वक़्त डिस्ट्रक्टेड होने और रहने में चैंपियन बना देती है |

इस समस्या का सबसे आदर्श और सरल समाधान तो यही है की ज़्यादा से ज़्यादा हम एक ही जगह या बात पर ध्यान पर लगाए रखे लेकिन बदकिस्मती से ध्यान लगाए रखने की आदत की दिक्कत ये है की हम ये नहीं जानते की ये करे कैसे ?

हमारे शिक्षकों और परिवार के लोगो के द्वारा कई बार ध्यान लगाने की बात बताये जाने के बावजूद हमें इस बाबत कभी सिखाया नहीं गया की ये करे कैसे ? ये हमारी शिक्षा व्यवस्था की नाकामी ही है की हमें कभी ये सिखाया ही नहीं गया की ध्यान लगाते कैसे है |

ध्यान एक ऐसी क्षमता है जिससे आप अपनी जागरूकता या अवेयरनेस को तब तक किसी बात पर टिकाये रख सकते है जब तक की आप खुद उस बात से अपना ध्यान हटाना न चाहे |

अब आप ज़रूर ये जानना चाहेंगे की ध्यान लगाने की क्षमता को, विकसित कैसे करे ?

उपलब्ध सभी समाधानों में से सबसे साधारण और कारगर तरीका तो यही है की आप दिन भर जो कुछ भी करे उसे करते वक़्त अपना पूरा ध्यान उसी पर रखने की कोशिश करे और इसका इतनी बार अभ्यास करे की ध्यान बनाये रखना आपकी आदत बन जाए |

ध्यान बनाये रखने के लिए आप चाहे जिस किसी तरीके का उपयोग करे उन सारे तरीको का मकसद एक ही है और वो ये की आपका ध्यान सर्फ और सिर्फ उसी चीज़ पर ठहर जाए जो चीज़ आप उस वक़्त कर रहे हो |

अगर आप इंटरनेट पर शोध करे या फिर किताबो में डूब कर ढूंढे तो आपको लाखो ऐसे तरीके बताये जाएंगे जिनसे आप ध्यान बनाये रख सके पर अगर आप मेरी बात माने तो ध्यान बनाये रखने का सबसे साधारण और सरल तरीका यही है की दिन भर में हर काम को करते वक़्त आप सिर्फ उसी चीज़ पर ध्यान केंद्रित करने का अभ्यास करे और इस अभ्यास को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बना ले जिस से की ये आपकी आदत बन जाए.

इस अभ्यास की शुरुआत आप अपने दैनिक जीवन की साधारण कामो के साथ कर सकते है जैसे की खाना खाते समय भोजन के स्वाद ,खुशबू तथा रंग पर अपना ध्यान बनाये रखना. खाते समय अपना ध्यान सिर्फ और सिर्फ भोजन पर ही बनाये रखे और उस समय कोई और कार्य जैसे की टीवी देखना या फ़ोन चेक करना आदि न करे न उसमे ध्यान दे. इसी तरह किसी से बात करते वक़्त सिर्फ उस व्यक्ति की बातो पर ही ध्यान केंद्रित रखने की कोशिश करे |

ऐसा करते समय जब आप अपना धैर्य खोने लगे या बेचैन हों तब इस बात का स्मरण रखे की आपने इतने वर्षो तक कई चीज़ो पर एक साथ ध्यान लगाने का अभ्यास किया है जिस से की ये आदत अब स्थायी रूप से आपके दिमाग में बैठ गयी है इसी कारण इस आदत से छुटकारा पाने के लिए आपको ध्यान लगाने की आदत का कम से कम कुछ महीनो तक तो अभ्यास करना ही होगा |

तो धैर्य बनाये रखे|

याद रखे : जीतने के लिए, पहले आपको सही कदम उठाने पड़ते है और फिर निरंतर, लगातार उसी दिशा में चलना होता है |

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Sujeet Sir
हिंदी-उर्दू साहित्य | Hindi-Urdu literature

Founder of Breathe | Sujeet Sir Blogs at www.sujeetsir.com #Writer #Motivational Speaker #Career Consultant #Yoga Coach #Chemistry Professor