Qul Hu Allah Hu Ahad in Hindi | कुल हु अल्लाह हु अहद
Qul hu Allah hu Ahad एक छोटी सी सूरत हैं, लेकिन इस की एहमीयत बहुत है। खासतौर पर उन लोगों के लिए जो इस्लाम को मानते हैं, कि अल्लाह सिर्फ और सिर्फ एक है।
इस ब्लॉग पोस्ट में, हम कुल हु अल्लाह हु अहद का तर्जुमा और एहमीयत को मज़ीद गहराई में जानने की पूरी कोशिश करेंगे, और उसे हिन्दी में भी समझाने की कोशिश करेंगे।
Qul hu Allah hu Ahad सूरत में अहम पैग़ाम को हिन्दी में समझाने के लिए हम उस के बुनियादी मअनी, रुहानी एहमीयत और इन्सानी ज़िंदगी पर उस के असरात को देखेंगे।
कुल हु अल्लाह हु अहद की तिलावत ना सिर्फ इस्लामी बिरादरी के लिए अहम है बल्कि ये हम सबको अल्लाह की तौहीद के रास्ते पर चलने और ज़िंदगी गुज़ारने का अहम सबक़ भी देती है। तो आईए शुरू करें।
ये सूरत क़ुरआन में अल्लाह की वहदानीयत और इन्फ़िरादियत की बेहतरीन पहचान हासिल करती है। Qul hu Allah hu Ahad Hindi Mein इस तरह से है।
- कुल हू अल्लाह हू अहद।
- अल्लाहुस समद।
- लम या लिद वलम युलद।
- वलम या कुल्लहु कुफुवन अहद।
१. Kul Hu Allah Hu Ahad Meaning in Hindi
- कहो कि अल्लाह सिर्फ़ एक है।
- और वह बेनियाज़ है।
- और उसने ना किसी को जन्म दिया, और ना ही किसी ने उसे जन्म दिया।
- और सिर्फ एक अल्लाह है, और इस के बराबर कोई नहीं।
इस सूरा की तिलावत मुस्लमानों के लिए इंतिहाई ज़रूरी है। और वो उसे अपनी रोज़ाना की नमाज़ों में शामिल करते हैं। ये सूरत पहचान की अलामत है और इन्सानी ज़िंदगी में इत्तिहाद को फ़रोग़ देती है।
२. Qul Hu Allah Hu Ahad Ka Tarjuma
Qul hu Allah hu Ahad एक अरबी जुमला है। जिसका हिन्दी में तर्जुमा है वो वाहिद अल्लाह है, या अल्लाह सिर्फ एक है। ये जुमला क़ुरान-ए-पाक में मौजूद है।
और ये इस्लामी नुक़्ता-ए-नज़र में एक अहम अंदाज़ में अल्लाह की वहदानीयत और वहदानीयत की तरफ़ इशारा करता है।
Qul Hu Allah Hu Ahad ki Ahmiyat
Qul Hu Allah Hu Ahad आयत दीन इस्लाम के बुनियादी उसूलों में से एक है और इस की एहमीयत बहुत ज़्यादा है। इस के ज़रीये दीन इस्लाम अल्लाह की वहदानीयत की अक्कासी करता है।
और बताता है कि वो वाहिद ख़ुदा है जिसका कोई शरीक नहीं। ये अक़ीदा है कि अल्लाह का कोई हम-सर नहीं है और वो सबसे मुमताज़ और मख़सूस है।
इन्सानी ज़िंदगी में कुल हु अल्लाह हु अहद की एहमीयत
येआयत Qul Hu Allah Hu Ahad जो की इन्सानी ज़िंदगी में एक अहम पैग़ाम भी लाता है। ये सिखाता है कि तमाम इन्सानी बिरादरीयों और मज़ाहिब से क़त-ए-नज़र, हम सब एक दूसरे से जड़े हुए हैं।
इसआयात के ज़रीये हमें याद दिलाया जा रहा है कि हम सब एक अल्लाह के फ़र्ज़ंद हैं। और हमें एक दूसरे के साथ सादगी और हम-आहंगी से रहना चाहिए।
सूरा इख़लास की आयत
सूरा इखलास की ये आयत सूरा इख़लास की पहली आयत है। और ये अल्लाह की वहदानीयत और इन्फ़िरादियत को ज़ाहिर करती है।
सूरा इख़लास पढ़ने के फ़ायदे
सूरा इख़लास की तिलावत के बहुत से अहम फ़ायदे हैं। और इस की तिलावत का इन्सानी ज़िंदगी पर गहिरा असर पड़ता है।
सूरा इख़लास की तिलावत करते हुए, आपको वहदत के एहसास और अल्लाह की वहदानीयत का एहतिराम करने का मौक़ा मिलता है। इस सूरत में वाज़िह तौर पर बताया गया है कि अल्लाह सिर्फ एक है।
सूरा इख़लास पढ़ने का तरीक़ा
सूरा इख़लास पढ़ना बहुत आसान है, और चूँकि ये एक छोटी सूरत है इसलिए उसे रोज़ाना बहुत से लोग पढ़ते हैं। सूरा इख़लास पढ़ने के लिए चंद आसान इक़दामात इस तरह से हैं।