vikas gaurतुम मुझे नहीं जानतेतुम मुझे नहीं जानते सिर्फ़, मेरे उस हिस्से को जानते हो जिसे तुम देख पाए इसी तरह मैं तुम्हे नहीं जानता एक दूसरे को जाने लेने के बाद भी हम…Mar 10, 20221Mar 10, 20221
vikas gaur*नंदिनी आँखों में शरारत लाते हुए*“चाय पीओगे?” प्रणय: हाँ, बिल्कुल “तो फिर देख क्या रहे हो? जाओ और दो कप चाय बना लाओ, दोनों पीते हैं” “मुझे हाँ कहने से पहले ही समझ जाना…Jan 18, 2022Jan 18, 2022
vikas gaurप्रणय नंदिनी और चीनी के दो दानेप्रणव: अरे! ये प्याज़ हल्के-हल्के brown हो गए हैं, अब इसमें टमाटर डाल दूँ क्या? नंदिनी: हाँ डाल दो यार और तुम्हे पता है मैं designs को…Jan 17, 2022Jan 17, 2022
vikas gaurप्रणय नंदिनी और सॉरीनंदिनी: तुम फिर से किताब खोल के बैठ गए? प्रणय: हाँ, क्या हुआ?Jan 16, 2022Jan 16, 2022
vikas gaurप्रणय नंदिनी और ख़ामोशीनंदिनी: ख़ामोश क्यों हो, कुछ बोलो। प्रणय: ख़ामोश रहने में क्या बुराई है? “अरे बुराई कुछ नहीं है बाबा! पर ऐसे ही..दोनों साथ बैठे हैं तो कुछ…Jan 13, 2022Jan 13, 2022
vikas gaurलिखता हूँ इस उम्मीद मेंइस उम्मीद में लिखता हूँ मैं इस उम्मीद में कि किसी दिन तुम मेरा लिखा भी पढ़ोगी न सिर्फ़ पढ़ोगी बल्कि वो भी पढोगी जो मेरे लिखे में मैंने सिर्फ़…Jan 11, 2022Jan 11, 2022
vikas gaurवादेये जो ख़ूब सारे वादे किये हैं तुमने मुझसे पता नहीं निभा भी पाओगी या नहीं.. मैं कहना चाहता हूँ आज तुमसे मुझे फ़र्क नहीं पड़ता..Jan 10, 2022Jan 10, 2022
vikas gaurजब तुम मिली थी पहली बारजब तुम मिली थी पहली बार मैंने चाहा था बारिश हो जाये और हो भी गयी थी..Jan 9, 2022Jan 9, 2022