काल से रण
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1 min readJun 14, 2022
है बीत गई सुख की रैना,
है भोग लिया तूने चैना,
पथ लाख बदल ले चाहे तो,
नियति बदल ना पाएगा;
यह वक्त वह तेरे जीवन का
जब काल तुझे आजमाएगा।
तेरा उससे अब रण होगा,
कठिनाई का हर क्षण होगा,
तू रेत के महलों का राजा,
क्या वज्रपात सह पाएगा?
यह वक्त वह तेरे जीवन का
जब काल तुझे आजमाएगा।
यह विकट घड़ी अब आई है,
ना साथ यार ना भाई है,
इस सूनेपन को भरती है,
जो साथ तेरे परछाई है;
सेना पर दम तो सब भरते,
स्वयं कूच कर पाएगा?
यह वक्त वह तेरे जीवन का
जब काल तुझे आजमाएगा।
इन हाथों को हथियार बना,
जीत की तू हुंकार लगा,
पूरी शक्ति से वार कर,
वार की तू भरमार कर;
विजय पर होगा शंखनाद,
हार हुई तो देखा जाएगा,
यह वक्त वह तेरे जीवन का
जब काल तुझे आजमाएगा।