संगवारी आप सभी के स्वागत हे हमर ब्लॉग में आज हम आपकी फिर से एक नई कहानी छत्तीसगढ़ी कहानी- डोकरी अउ डोकरा (chhattisgarhi kahani dokri au dokra) के कहानी बताने वाले है । जैसे की आप सभी लोगो को पता है की हमारी छत्तीसगढ़ में हजारो की संख्या में chhattisgarhi kahani है लेकिन धीरे धीरे आधुनिक और मोबाइल के युग होने के कारण से ये सभी कहानिया लुप्त होते चले जा रहे है ।
बच्चे आज के समय में मोबाइल में अपने सारे काम काज कर रहे है उन्हें अपने दादा दादी के पास में chhattisgarhi kahani सुनने का मौका नहीं मिलता है लेकिन दोस्तों हम आज की इस पोस्ट के माध्यम से छत्तीसगढ़ी कहानी- डोकरी अउ डोकरा (chhattisgarhi kahani dokri au dokra) के कहानी को फिर से नए युग के , नए दौर के नए समाज के बिच में लेकर के आये है जो उम्मीद करते है की यह (chhattisgarhi kahani dokri au dokra) छत्तीसगढ़ कहानी आपको जरूर पसंद आएगा . तो चलिए दोस्तों बिना किसी देरी के इस chhattisgarhi kahani को सुरु करते है ।
1 . छत्तीसगढ़ी कहानी- डोकरी अउ डोकरा
एक गांव में एक जहां डोकरी अउ डोकरा रथे । वो डोकरी अउ डोकरा के एको झन लइका नई रहए । फेर बूड़त काल में भगवन हा दया करथे । तब डोकरी हा गरु पांव हो जथे ।
एक दिन डोकरी हा डोकरा ला कथे — मोला करू खाये के शौक लगत हे . कंहू ले करेला ले आतेश बना के खा लेतेंव ।
डोकरा हा बखरी में जाथे अउ जम्मो बखरी म करू करेला……: read more https://hindisuccesskey.com/chhattisgarhi-kahani-%e0%a4%a1%e0%a5%8b%e0%a4%95%e0%a4%b0%e0%a5%80-%e0%a4%85%e0%a4%89-%e0%a4%a1%e0%a5%8b%e0%a4%95%e0%a4%b0%e0%a4%be/