पीलिया के लक्षण कारण और उपचार इन हिंदी में — Jaundice Symptoms Hindi

Babakenuskhe Hindighareluupay
3 min readSep 20, 2017

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Jaundice Symptoms — पीलिया के लक्षण कारण और घरेलु उपचार इन हिंदी में

पीलिया रोग के लक्षण जानलेवा भी साबित हो सकते हैं, इसलिए हमेशा पीलिया होने पर उसका तुरंत उपचार या घरेलु इलाज करवालेना चाहिए. पढ़िए पीलिया में कौन-कौन से लक्षण दिखाई देने लगते हैं इन हिंदी में, लक्षण कारण और घरेलु उपचार.

इसलिए होता हैं जॉन्डिस

रक्त में बिलीरुबिन की अत्यधिक मात्रा पीलिया का कारण होती हैं. पीला-नारंगी रंग का पदार्थ, बिलीरुबिन लाल रक्त कोशिकाओं में पाया जाता हैं, जो ऑक्सीजन वहां करता हैं. जब लाल रक्त कोशिकाएं मृत होती हैं और शरीर इनकी जगह नई कोशिकाएं बनता हैं तब अपशिष्ट या मृत कोशिकाएं को यकृत से छान देता हैं. जब यकृत किन्ही कारणों से इन्हें नहीं छान पाटा हैं तो रक्त में बिलीरुबिन बढ़ने लगती हैं. अत्यधिक मात्रा की वजह से बिलीरुबिन धीरे-धीरे आस-पास के उत्तकों में चला जाता हैं. बिलीरुबिन की जांच के जरिये ही पीलिया का पता लगाया जा सकता हैं. लक्षण दिखने पर डॉक्टर से तुरंत संपर्क करना चाहिए.

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Jaundice Symptoms in Hindi PIliya Hone Ke Lakshan

पीलिया के लक्षण इन हिंदी में — Causes & Symptoms Of Jaundice

  1. आंखें पिली पढ़ जाती हैं
  2. चेहरा भी पीला-पीला हो जाता हैं
  3. पूरा शरीर पिले रंग का दिखाई देने लगता हैं
  4. नाख़ून पर पीलापन आ जाता हैं
  5. भूख नहीं लगती हैं
  6. उल्टियां होती हैं
  7. बुखार बना रहता हैं
  8. पेट में दर्द भी होता हैं
  9. पेशाब हलके गहरे रंग की आने लगती हैं आदि यह सभी पीलिया रोग के लक्षण हैं.
  10. हाथों में खुजली चलना

यह भी हैं प्रमुख कारण

बाजार की गन्दी चीजें खाना
किसी बीमार व्यक्ति का झूठा खाना व पिने से
खून की कमी होने से
लिवर की कमजोरी से

हेपेटिटिस

ज्यादातर एक तरह के रोगाणु की वजह से ही यह संक्रमण होता हैं. लम्बे समय तक यह बीमारी रहने पर यकृत पर प्रभाव पड़ने लगता हैं और पीलिया की समस्या सामने आने लगती हैं.

अल्कोहल

ज्यादा मात्रा में अल्कोहल के सेवन का प्रभाव भी यकृत पर पड़ता हैं. लम्बे समय तक अधिक मात्रा में अल्कोहल से यकृत की मुख्यतः दो तरह की बीमारी होती है अल्कोहलिक हेपेटिटिस और अल्कोहलिक सिरहोसिस. इससे पीलिया की अशंक दोगुनी हो जाती हैं.

कोलेस्टासिस

पित्तस्थिरता में पित्त का परवाह रुक जाता हैं. इसमें खुजली की शिकायत होने लगती हैं. नवजात शिशुओं में भी पीलिया की बीमारी अक्सर देखि जाती हैं. दरअसल बच्चों का यकृत इतना सक्षम नहीं होता हैं की वह रक्त में जमा अत्यधिक बिलीरुबिन को कम कर सके.

पित्त वाहिका में बाधा

यकृत और पित्ताशय से छोटी आंत तक एक तरल पदार्थ पित्त को ले जाने का काम पतली वाहिनियां करती हैं, जिन्हे पित्त वाहिका कहते हैं. कई बार गॉल्स्टोन यानी पित्ताशय की पथरी, पित्त वाहिका में सूजन आती हैं जिससे यह वाहिका बंद हो जाती हैं. इससे बिलीरुबिन की मात्रा बढ़ जाती हैं. इसमें पेट में दाहिनी और दर्द होता हैं.

यह सभी पीलिया के लक्षण व कारण हैं इनको आप नजरअंदाज न करे और तुरंत ही डॉक्टर को दिखाए. अगर आप इसके लक्षण और कारण के बारे में अच्छे से जानना चाहते हैं तो यह निचे दिए जा रहे लेख भी जरूर पड़ें —

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