Manas MishrainHindi Kavitaअकबर और हिन्दी कविताबहुसंख्यक, अल्पसंख्यक, पवित्र धर्म, श्रेष्ठ भाषा, उच्च विचार, पहला, दूसरा, सही और गलत.Oct 13, 20171Oct 13, 20171
Manas MishrainIndiaMagहिन्दी आजकलआपका जो चाल-चलन अपनी भाषा के लिये होता है, उससे आप और आपकी समझ के चाल-चलन का पता चलता है। एक पूरा युग बीत गया यह बात करते कि हिन्दी का…Mar 29, 20172Mar 29, 20172
Manas MishrainIndiaMagकोलैटरल ब्यूटी‘कोलैटरल ब्यूटी’। पिछले कुछ दिनों से यह शब्द चर्चा में बना रहा क्योंकि इस नाम से एक फ़िल्म आयी, जिसमे कई सारे नामचीन कलाकार थे। फ़िल्म…Jan 4, 20171Jan 4, 20171
Manas MishrainIndiaMagINFIDELITY OF THE LUSTIt was a cold day in the early 2003 when a movie called ‘Jism’ released in theaters. For the very first time, small hinterland-ish towns of…Dec 24, 2016Dec 24, 2016
Manas Mishraमैं क्यों पढ़ूँ फ़ैज़ को?फ़ैज़ को पढ़ने वालों को आजकल अक्सर इस प्रश्न का सामना करना पड़ता है उनसे जिन्होंने फ़ैज़ को नहीं पढ़ा है।Nov 20, 20162Nov 20, 20162
Manas MishrainHindi Kavitaमहादेवी वर्मा: एक नारी का छायावादमहादेवी वर्मा को छायावाद युग के सबसे प्रमुख रचनाकारों में गिना जाता है। छायावाद हिन्दी साहित्य का वह युग है जब प्रेम, प्रकृति और आत्मसात…Sep 13, 2016Sep 13, 2016
Manas MishrainHindi Kavita‘ग़ुनाहों का देवता’ : पीड़ा में एक प्रार्थनायदि आप प्रेम की गुत्थी उलझने-उलझाने में लगे हैं तो धर्मवीर भारती जी का लिखा ‘ग़ुनाहों का देवता’पढ़ना आपके लिए आवश्यक है। आप पढें या न पढें…Sep 6, 20161Sep 6, 20161