बसंत पंचमी
बसंत पंचमी यानी विधा, कला और संगीत की देवी मां सरस्वती की पूजा — अर्चना करने का शुभ दिन। हिन्दू पंचांग के अनुसार माघ महीने की शुक्ल पंचमी को बसंत पंचमी के नाम से जाना जाता है। जिसे ‘मां’ सरस्वती के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है।
विद्याधर सुपूजिता ॐ
विद्याधर सुपूजितायै नमः।
‘’विद्या में सबसे अधिक शक्ति होती है, इससे संसार में सब कुछ प्राप्त किया जा सकता है।’’
इस दिन विद्या, कला और संगीत की देवी मां सरस्वती की पूजा अर्चना की जाती है। संगीत की उत्पत्ति करने के कारण ये संगीत की देवी कहलाती हैं। सरस्वती को अच्छे व्यवहार, बुद्धिमत्ता, आकर्षक व्यक्तित्व, संगीत का प्रतीक भी माना जाता है। इस दिन विद्यार्थी और साधक बुद्धि, ज्ञान और कला की समृद्धि के लिए सरस्वती से प्रार्थना कर आशीर्वाद लेते हैं।
धार्मिक मान्यता के अनुसार बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती अवतरित हुई थी। इसलिए पंचमी का दिन बहुत शुभ माना जाता है।
‘’या कुन्देन्दु तुषारहार धवला या शुभ्रवस्त्रावृता।
या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना।।
या ब्रह्माच्युतशंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता।
सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा।।’’