मिलकर काम करें ‘लेखक — प्रकाशक’….
अवसर था,राजस्थान हिंदी ग्रंथ अकादमी और राही सहयोगी संस्थान के तत्वावधान में आयोजित इंडिया नेट बुक्स द्वारा प्रकाशित 6 पुस्तकों के लोकार्पण समारोह का। मुख्य अतिथि के रुप में डॉ. संजीव कुमार ने इस मौके पर कई महत्वपूर्ण बिंंदुओं पर चर्चा की।
अब तक कविता और अन्य विधाओं में 107 पुस्तकों का सृजन कर चुके डॉ.संजीव ने युवा लेखकों को अधिक से अधिक पढ़ने को कहा। इससे उनके लेखन में निखार आएगा।
साहित्य सम्मान’ ग्रहण के बाद डॉ. संजीव ने बताया कि वह देश भर में ही नहीं विदेशों में भी इंडिया नेट बुक्स की शाखाओं के माध्यम से स्वदेशी एवं प्रवासी भारतीय लेखकों के उत्कृष्ट साहित्य को प्रकाश में लाने और उच्च कोटि के साहित्य के लिए विभिन्न पुरस्कार प्रदान करने में अग्रणी है।
उन्होंने कहा कि उच्च कोटि का साहित्य सर्जन ही समाज में बदलाव ला सकता है। इससे पूर्व डॉ संजीव कुमार को उनके साहित्यिक योगदान के लिए राही सहयोगी संस्थान के निदेशक एवं प्रतिष्ठित साहित्यकार प्रबोध कुमार गोविल और फारूक आफरीदी ने प्रशस्ति पत्र, इकराम राजस्थानी ने शॉल ओढ़ाकर और लोकेश कुमार साहिल ने पुष्पगुच्छ अर्पित कर उनका अभिनंदन किया।
पं. जवाहरलाल नेहरू बाल साहित्य अकादमी के चेयरमैन और वरिष्ठ गीतकार इकराम राजस्थानी ने कहा कि, साहित्य ही समाज और संस्कृति को जीवित रखेगा। किताबें समय की धड़कन हैं और इन्हीं में हमारी तहजीब सांस लेती है। कलम ही समाज को दिशा देती है।
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