ह से हिंदी

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ह से हिंदी मातृ भाषा है हमारी।
हिंदी से ही हो पहचान हमारी।।

होंठो से फूलों की मानिंद झर जाए।
हाथों में कलम की धार बन जाए।।

हिंदी है हिंदुस्तान के माथे की बिंदी।
हम में उत्साह जगाए बनकर सहयोगी।।

हित सबका इसको धारण करने में।
होंगे सफल इसका वरण करने में।।

मणिमाला शर्मा

हिय में हमारे बसी है इसकी खुशबू।
हो जाए इस भाषा को पढ़ मन बेकाबू।।

हिंदी में सुनिए दीपक राग,कजरी, मेघ मल्हारी।
हिंदी के दोहे, छंद , मुक्तक और चौपाई हैं सब पे भारी।।

हिंद की आन बान शान का नाम है हिंदी।
हिमालय के स्वाभिमान का नाम है हिंदी।।

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मणिमाला शर्मा

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Teena Sharma "Madhavi"

मैं मूल रुप से एक ‘पत्रकार’ और ‘कहानीकार’ हूं। ‘कहानी का कोना’ नाम से मेरा ब्लॉग चलता हैं..। https://kahanikakona.com/