Mani Lokeवो चाँदी के तार उलझे जो मेरे कंघे में आज,दिला गये अफ़साने कई याद, उम्र और उसकी गिनती आज। उम्र का आईना थे वो ,मेरे तजुर्बों के गिनतियां थीं वो। पहले श्याम अब श्वेत बन उलझे थे वो…Jan 19, 2021Jan 19, 2021
Mani Lokeएक दिवस एक आसवर्ष 1989 में विश्वा हिन्दू परिषद द्वारा अयोध्या में विवादित स्थल के पास किए गए राम मंदिर शिलान्यास से भाजपा और हिंदू संगठनों का उत्साह चरम…Dec 6, 2020Dec 6, 2020
Mani Lokeबचपन अपना देख रही थी, तस्वीरों में खोज रही थी, हर पल, हर लम्हा, हर वाकिये को जी रही थी , बचपन अपना…कई दोस्त थे अब भी संगी, कई हुए अब तो बेगाने, फिर साथ बिताए थे जो लम्हे , वो अब हो चले अफ़साने।Jul 31, 2020Jul 31, 2020
Mani Lokeउस क्षण उस पल हुई वेदना ,मेरे अंतर्मन में। मानवता के भेष में हिंसक मानव,लगा व्याघ्र सा मेरे मन में…जब कभी मैं पूजी जाती ,गणेश मुख रूप में,Jun 4, 2020Jun 4, 2020
Mani Lokeथम सा गया जीवन ,न कोई हलचल, ना है कोई महफिल, थम सा गया जीवन। सोच ऐसी रुक सी गई ,थम सा गया जीवन ।…मन का परिंदा जैसे उड़ना भूल जाए । चिड़ियों की आहट होती कुछ ज्यादा, पर कहां मेरी कलम रगड़ती थी ज्यादा । हर पल हर लम्हा जैसे थम सा गया था …May 16, 2020May 16, 2020
Mani Lokeदरवाज़े की घंटी बजी तो दिल थम से गया ऐसा लगा जैसे साक्षात कारोना मानव रूप धारण कर मुझपर महामारी का…और वहां उसका अपन घर है अपने लोग है ।वो तो पैसे ले कर चली गई परंतु उसके बातों ने मुझे सोचने पर मजबूर कर दिया।May 8, 2020May 8, 2020
Mani LokeToday is the day when we shifted to Hyderabad to begin a new life and there are lots of memories…Old is gold it’s a universal truth but we can’t deny destiny and changes in our life so always accept new things live your life…May 6, 2020May 6, 2020
Mani LokeDate: May 4, 2020देवता हुए प्रसन्न ताली और थाली के बजाने से, फिर जलाया दीप भी भक्तों ने आस से, पुष्प वर्षा भी हुई,जमकर आसमानों से, अभिवादन और अनुसरण किया …May 4, 2020May 4, 2020
Mani LokeDate: Dec 6, 1992 Subject: क्या क्या देखाउस वर्ष मैने क्या देखा, ना पूछो क्या क्या देखा। भाई-भाई को लड़ते देखा, घरों को मैने बिखरते देखा, बहनों को मरते देखा, दोस्तों को बिछड़ते…May 3, 2020May 3, 2020