कुछ चँद पलों मे ये मन्ज़र भी बीत जाएगा ,
यादें साथ मे लिए , वक़्त आगे बढ़ जाएगा ।
याद आएँगे वो पल जो हसीं हुआ करते थे
वो खिलखिलाते चेहरे जो ख़ुशी दिया करते थे ।
काश !!
ये मंज़र यहीं ठेर पाता ,
काश !
वो वक़्त फिर लौट पाता …
बेपरवाह हम चलते रहें इस मंज़र से दूर भागने के लिए,
आज उस मंज़र ने दस्तक दी ,आँखों मे सिर्फ आँशु लिए ।
हम जीने से और जीना हमसे है
शायद_इसी_का_नाम_ज़िन्दगी_है।