Where there is Khejdi tree.
हम मिलेंगे जहाँ खेजड़ी वृक्ष हो,
रेत में उसकी जड़ें आसरा हों,
जहाँ पानी की बूँदों को इकट्ठा करें,
नई कोपल की आशा जगाएं।
धरती पर वह स्थान, दिव्य और निराला,
खेतों के बीच रेत की सुंदरता,
खेजड़ी वृक्ष का अनमोल आभूषण,
जग मे शांति, भरपूर विचारशक्ति का स्रोत।
जब प्रदोष की ओढ़नी छाये उस धरती को
खेजड़ी वृक्ष की छाया सन्निधि में,
हंसते बच्चे और जोशीले युवा,
उन्हें जीवन का आदर्श दिखाएं।
खेजड़ी वृक्ष से फूलों का हार,
जो देश को प्रेम का संदेश दे,
पुष्पों से उत्सव और हर्ष उमड़े,
मन और आत्मा खेलते रंगों में लिपटे।
खेजड़ी के फल सबको खुशियाँ दे,
आने वाले समय में जीवित रखे आशा,
ग्रामीणों को खाद्य सुरक्षा का संग्रह,
नवीनतम जीवन की खुशहाली का संदेश।
वह जगह, एक स्वर्ग सा प्राकृतिक सौंदर्य,
जहाँ प्रकृति और मानवीयता मिले,
खेजड़ी का पेड़ अपार उपहार हो,
विचारशक्ति का स्रोत, आशा का आदान।
चलो मिलकर उस जगह पर जाएं,
खेजड़ी वृक्ष के नीचे बैठें,
हाथों में पानी की एक-एक बूँद छोड़ें,
नई कोपल को स्वागत करें, खुशियों से जीयें।
Desert Fellow — Rakesh Yadav