पीरियड (Period) बंद होना भी नहीं है आसान! जानें इस बारे में सबकुछ

HealthCare
4 min readSep 24, 2024

--

पीरियड (Period) बंद होना भी नहीं है आसान! जानें इस बारे में सबकुछ

सिर्फ पीरियड (Period) का शुरू होना ही नहीं बल्कि इसका बंद होना भी कई महिलाओं के लिए परेशानी का सबब बन सकता है। इस अवस्था को मेनोपॉज यानी रजोनिवृत्ति कहा जाता है। आमतौर पर 40 से 58 वर्ष की उम्र के बीच महिलाओं में इस दौर की शुरुआत होती है। वहीं कुछ महिलाओं में किसी बीमारी या उपचार के कारण मेनोपॉज की शुरुआत जल्दी हो सकती है। हालांकि, यह दौर आसान नहीं होता। इस अवस्था में महिलाओं में कई तरह के लक्षण नजर आते हैं, जिनका सामना करना ही चुनौतीपूर्ण बन जाता है।

पीरियड (Period) बंद होने के लक्षण

पीरियड (Period) बंद होने के लक्षण 3 चरणों में नजर आते हैं-

  1. पेरिमेनोपॉज- यह अवधि रजोनिवृत्ति से पहले शुरू होती है और इसमें अंतिम बार हुए पीरियड के बाद के 12 महीने शामिल होते हैं।
  2. मेनोपॉज- यह अवधि अंतिम मासिक धर्म के 12 महीने बाद शुरू होती है।
  3. पोस्टमेनोपॉज- यह अवस्था रजोनिवृत्ति के बाद के वर्षों के बारे में बताती है। इस दौरान भी कुछ महिलाओं को परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

पीरियड (Period) बंद होने के लक्षण

रजोनिवृत्ति के दौरान महिलाओं में विभिन्न शारीरिक और मानसिक परिवर्तन होते हैं, जो लक्षण पैदा करते हैं।

मानसिक लक्षण

रजोनिवृत्ति और पेरिमेनोपॉज के सामान्य मानसिक स्वास्थ्य लक्षणों में शामिल हैं-

  • मूड में परिवर्तन, जैसे खराब मूड, चिंता, मूड में बदलाव
  • याददाश्त संबंधी परेशानी या एकाग्रता की समस्या

शारीरिक लक्षण

रजोनिवृत्ति और पेरिमेनोपॉज के दौरान नजर आने वाले सामान्य शारीरिक लक्षण हैं-

  • पीरियड (Period) का अनियमित होना
  • अचानक गर्मी महसूस करना
  • योनि में सूखापन या असहजता महसूस होना
  • ठीक से नींद न आना
  • थकान
  • चिड़चिड़ापन
  • दिल की धड़कन का बढ़ना
  • सिरदर्द
  • मांसपेशियों या जोड़ों का दर्द
  • वजन बढ़ना
  • सेक्स ड्राइव में कमी
  • अवसाद
  • घबराहट

कितने समय तक रहते हैं पीरियड (Period) बंद होने लक्षण?

ये सारे लक्षण महीनों या वर्षों तक रह सकते हैं और समय के साथ-साथ बदल सकते हैं। जोड़ों का दर्द या योनि का सूखापन जैसे लक्षण पीरियड (Period) रुकने के बाद भी जारी रह सकते हैं।

क्या है इसका इलाज?

पीरियड का बंद होना या रजोनिवृत्ति कोई स्वास्थ्य समस्या नहीं है बल्कि एक प्राकृतिक प्रक्रिया है। हालांकि, इस दौरान नजर आने वाले शारीरिक और मानसिक बदलाव चिंता में डाल सकते हैं। ऐसी अवस्था में महिलाओं को अपने चिकित्सक से संपर्क कर एक बार उन्हें अपनी परेशानी के बारे में जरूर बताना चाहिये। निम्नलिखित तरीकों से डॉक्टर इस परिस्थिति से निपटने की सलाह दे सकते हैं-

हार्मोन थेरेपी

पीरियड (Period) बंद होने के लक्षणों से राहत पाने के लिए इस थेरेपी को काम में लाया जाता है। इसे हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी भी कहा जाता है। इनमें वो दवाइयां शामिल होती हैं, जिसमें महिला हार्मोन मौजूद होते हैं। इस उपचार में शरीर में हार्मोन के स्तर को संतुलित करने के लिए एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन सप्लीमेंट्स का इस्तेमाल किया जाता है। यह थेरेपी हॉट फ्लैशेज और मेनोपॉज के अन्य लक्षणों को कम करने में मदद कर सकती है।

हालांकि, जो महिलाएं हृदय रोग, रक्त में ट्राइग्लिसराइड्स का उच्च स्तर, लिवर संबंधी परेशानियां, स्तन कैंसर व अन्य गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं, वे इस थेरेपी को न कराएं तो बेहतर है। हार्मोन थेरेपी कराने का निर्णय डॉक्टर की सलाह पर ही लेना चाहिये।

योनि का सूखापन और अन्य परेशानियों के लिए एस्ट्रोजन

रजोनिवृत्ति और पेरिमेनोपॉज के कारण योनि में सूखापन, दर्द व खुजली जैसी परेशानियां हो सकती हैं। ऐसे में टैबलेट, क्रीम या रिंग के रूप में एस्ट्र्रोजन उपचार काम में लाया जा सकता है। यह पीरियड (Period) बंद होने के कारण होने वाली मूत्र संबंधी परेशानियों से भी राहत देता है।

नॉन-हार्मोनल दवाइयां

अगर मेनोपॉज के लक्षण जीवन पर असर डाल रहे हैं और हार्मोन थेरेपी कराना संभव नहीं है, तो ऐसे में नॉन-हार्मोनल दवाइयों का इस्तेमाल किया जाता है। इससे हॉट फ्लैशेज, रात को पसीना आना व अन्य लक्षणों से राहत पाने में मदद मिलती है।

कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी (सीबीटी)

कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी या संज्ञानात्मक व्यवहार थेरेपी एक टॉकिंग थेरेपी है, जिसकी मदद से चिंता, तनाव या डिप्रेशन जैसे पीरियड (Period) बंद होने के लक्षणों को कम किया जा सकता है।

जीवनशैली में ये बदलाव भी हैं जरूरी

मेनोपॉज के लक्षणों से राहत पाने के लिए जीवनशैली को नियमित रखना और निम्नलिखित बदलाव करना जरूरी है-

  • रोजाना व्यायाम करें। इसमें ब्रीदिंग एक्सरसाइज मुख्य रूप से शामिल होना चाहिये।
  • संतुलित आहार लें जिसमें भरपूर मात्रा में ताजे फल, सब्जियाँ और साबुत अनाज मौजूद हों।
  • धूम्रपान का सेवन बिल्कुल भी न करें।
  • शराब के सेवन से परहेज करें।
  • रोज 7 से 8 घंटे की नींद जरूर लें।
  • परेशानी होने पर अपने दोस्तों या परिवार के सदस्यों से बातें करें।
  • जरूरत पड़ने पर डॉक्टर से संपर्क करें और उनके सलाह के अनुसार कार्य करें।

निष्कर्ष (Conclusion)

जिस तरह पीरियड का आना सामान्य है, ठीक उसी तरह पीरियड (Period) का जाना भी सामान्य है। इसीलिए, इससे घबराने की जरूरत नहीं है। हो सकता है कि इस अवस्था में ज्यादा लक्षण न नजर आये। वहीं जो महिलाएं इन लक्षणों का सामना कर रही हैं, वे उपर बताये गये बातों का जरूर ध्यान रखें। इससे मेनोपॉज के लक्षणों से राहत पाने में मदद मिलेगी।

FAQ

“सवाल- किस उम्र में महिलाओं में मेनोपॉज की शुरुआत होती है?”

आमतौर पर 40 से 58 वर्ष की उम्र के बीच महिलाओं में इस दौर की शुरुआत होती है। वहीं कुछ महिलाओं में किसी बीमारी या उपचार के कारण मेनोपॉज की शुरुआत जल्दी हो सकती है।

“सवाल- मेनोपॉज में महिलाओं को क्या-क्या मानसिक परेशानियां हो सकती हैं?”

रजोनिवृत्ति और पेरिमेनोपॉज के दौरान महिलाओं में मूड स्विंग, चिंता, तनाव, एकाग्रता में कमी व अन्य मानसिक परेशानियां हो सकती हैं।

--

--