Rishabh Goelतुम खूबसूरत होबाहर से कैसी दिखती हो, ये मैं कैसे कहूँ? पर ये जो तुम्हारी आत्मा की सूरत मैं महसूस कर सकता हूँ, तुम्हारी आवाज़ से जो एक सौम्य अपनत्व छलकता…Feb 2, 2017Feb 2, 2017
Rishabh Goel*मेरे पापा बड़े हो गए* ~ऋषभ गोयलबोर्ड एग्जाम्स, ये वो दौर होता है जब आपके दूर-दराज के रिश्तेदारों और पड़ोसियों को भी आपके भविष्य की चिंता सताने लगती है। जब सब बड़े, जो…Oct 21, 2016Oct 21, 2016
Rishabh Goelहिन्दी कविता: कुछ अनकही बातों को कहनाकभी हुए इतने खुश कि अंदर गुदगुदी हो गयी, और मुँह से कोई बोल नहीं फूटे?? कभी रह गया कुछ ऐसा जो कहना चाहते तो बहुत थे, पर कह नहीं पाये…Sep 25, 2016Sep 25, 2016