Sarika Sवक़्त की परछाइयाँवो जो खो गया था मिल कर ज़िन्दगी में कभी क्यों इन लफ़्ज़ों में उसी की जुस्तजू है अभी इन लहरों की रवानगी में, रेत पर पड़ी लकीरों में एक ही नाम…17h ago417h ago4
Sarika Sख़्यालों की नदीअक्सर परेशान मन किन्ही गुमसुम से पलों में चल देता है बे इरादा क़दमों से कहीं, सुकूँ की हसरत लिए लगता है इस ज़ेहन में ख्यालों की एक नदी है जो…3d ago33d ago3
Sarika SinShort. Sweet. Valuable.The Beauty of Early MorningsFinding Joy in Birds’ Freedom5d ago75d ago7
Sarika Sचुपचाप से पल और कविताकभी यूँ ही किन्हीं चुपचाप से पलों में कुछ खामोश से अंधेरों से निकल के अचानक ही कोई एक ख़याल मेरे ज़ेहन में जुगनू बन के उतर जाता है और मेरा…6d ago46d ago4
Sarika Sलम्हेक्यों मेरा हर लफ़्ज़ बस तेरे ही ख़याल में ढला है क्यों मुझे तुझसे नहीं अपनी क़िस्मत से ही गिला है फ़ासला तो चंद क़दमों का ही था बस मगर अब युगों…Jul 95Jul 95