Shailesh Kaushikपहली सी बातसब अपने हिस्से का ज़हर घोल के कहते हैं, अब उसमें वो मिठास न रही,1d ago1d ago
Shailesh Kaushikआज की रातअपनी आँखों के समंदर में उतर जाने दे.. जिया मैं अधूरा सा, पूरा सा मर जाने दे..Nov 24, 2023Nov 24, 2023
Shailesh Kaushikउन आँखों में जो देखा तो बेकार हो गए.. जंगल के बादशाह ख़ुद शिकार हो गए..करने चले थे यूँ तो वो दुनिया को ही फतह.. उनकी गली पे पहुंचे ग़िरफ़्तार हो गए..Oct 30, 2023Oct 30, 2023
Shailesh Kaushik2 HoursSuddenly, she gave a passing look at her watch and got a surprised look on her face. “Oh! Didn’t realize the hour. I should book the…Aug 27, 2023Aug 27, 2023
Shailesh Kaushikदेरउनसे नज़रें मिलायीं तो थीं पर ज़रा देर हो गयी.. बातें जुबां तक आयी तो थीं पर ज़रा देर हो गयी..Mar 15, 2023Mar 15, 2023
Shailesh Kaushikग़ुमानसाँसों को एक डोर से बांधे रखा है मैंने.. तेरे आने की रज़ा में थामे रखा है मैंने..Feb 17, 2023Feb 17, 2023
Shailesh Kaushikइज़हार ऐ कलमकुछ अश्कों से लिखता हूँ कुछ बातों से लिखता हूँ पर ये है कि सब जज़्बातों से लिखता हूँApr 18, 2020Apr 18, 2020
Shailesh Kaushikगोश्तकुछ मेरी चाहतों का ऐसा सा फ़साना है वो रहते नहीं रुक कर आना और जाना हैSep 25, 2017Sep 25, 2017