Vijay Bhavsarકોલેજ ના ૪ વરસ ના સંસ્મરણ by Kuntal Dalalપૂજ્ય આચાર્યશ્રી, વંદનીય ગુરુજનો તથા મારા વ્હાલા ભાઈ — બહેનો.Apr 21, 2019Apr 21, 2019
Vijay Bhavsarबनारस यात्रा — ख्वाबों से हक़ीक़त तक की उड़ानये दास्तान हैं, ६ साधारण विद्यार्थियों के असाधारण कारनामों की। असंभव को संभव में बदलने की। ख्वाबों को हक़ीक़त में तब्दील करने की | ऐसी ही कई…May 2, 20181May 2, 20181
Vijay Bhavsarमेरा परिवारआशा हैं बुआ, गीता मेरी मौसी, गोपाल मेरे मामा, चाचा हैं उमेश। दादी हैं शारदा, लक्ष्मी मेरी बहन, गजानंद मेरे पिता, धनंजय हैं दोस्त। भाई मेरे…Apr 27, 2018Apr 27, 2018
Vijay Bhavsarमैं प्रकृति हूँमैं प्रकृति हूँ। ये पेड़, पौधे, प्राणी, सब मुझसे हैं। पहाड़, नदियां, खनिज, ऋतू सब मेरे ही हिस्से हैं। परन्तु इस लोभी मानव ने, मेरी काया ही…Apr 27, 2018Apr 27, 2018
Vijay Bhavsarएक बाघी कीआवाजसोचते हैं हम, जब आगे बढ़ने का, रोक दिए जाते हैं, कदम हमारे, देते हैं यातनायें, सुनाते हैं ताने। राख़ में मिला, खत्मं कर देते हैं, स्वपन…Apr 27, 2018Apr 27, 2018
Vijay Bhavsarराजकुमारीआज अजनबी सी वो, गुमसुम, बैठी है, कुछ लिख रही। एक अजीब सी, प्रकाश की किरण, उसकी आँखों में, है दिख रही। ना जाने, आज से पहले ऐसी क्यों न थी…Apr 27, 2018Apr 27, 2018
Vijay Bhavsar“प्रवास”कहते हैं सिर्फ चार दिन है ज़िन्दगी के, हर पल, हर समय, हैं क़ीमतीं के। दुनिया देखनी है, बड़े करीब से, खुशियां छीननी है, अपने नसीब से। जाना हैं…Apr 27, 2018Apr 27, 2018
Vijay Bhavsar“हर्षित — खुशियों का तूफ़ान”चेहरें पर साहस का गज़ब हैं नूर, क्रोध जिससे रहता, कौंसो दूर । बेजोड़ आत्मविश्वास से भरपूर, कठिनाइयों को कर दे, पल में चकनाचूर। उसकी खनकती…Apr 25, 2018Apr 25, 2018
Vijay Bhavsarफिर एकबार, यादगार रविवार।आज Journal लिखने का था बोझ, बोझ हो हल्का कैसे? जवाब, रहा था खोज। खोज खोज में आयी एक सोच, सोच को दिया सम्मान, मेहता के घर गया पहोंच। पहोंच…Apr 1, 2018Apr 1, 2018