रात अभी बाक़ी है
Published in
Feb 26, 2024
[सितम्बर 2011]
आँखें न बंद करो, के रात अभी बाक़ी है,
मुद्दत से कह रहा जिसे वो बात अभी बाक़ी है.
लहू हमारा भी कभी आँख से टपकता था,
चेहरे की शिकन पर निशानात अभी बाक़ी है.
ये दिल का फितूर है, या ख़लल है दिमाग़ का,
जिस्म तो फ़ना हुआ, जज़्बात अभी बाक़ी है.
सुबह बदरंग थी, दोपहर खाली थी,
शाम भी मायूस गयी, रात अभी बाक़ी है!