Discovery of an Author : Interview with Mahesh Kumar (Hindi)

Raghav Sharma
Blessink mag
Published in
6 min readJun 7, 2024

We interviewed Mahesh on his first Hindi language book, MOD, his journey so far and his future projects.

The editorial team at Blessink Mag is dedicated to promoting both new and established authors, helping them reach a wider readership and audience.

Recently, our team connected with author Mahesh Kumar, who published his first fiction book in Hindi language ‘MOD’ published via Revolt publishing.

This interview delves into his journey as an author, and provides insights into his book, explores his writing process, and addresses many intriguing questions that will benefit first-time writers and captivate his readers and beyond.

Let’s take a look at what he had to say:

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NOTE : This interview is in Hindi language.

प्रेरणा और शुरुआत:

प्रश्न: कृपया अपने पृष्ठभूमि के बारे में हमें कुछ बताएं और आपको लिखने की प्रेरणा कैसे मिली?
उत्तर:मैं राजस्थान के ग्रामीण अंचल का रहने वाला हूं और मुझे बचपन से ही हिन्दी कहानियां लुभाती हैं।

जब कोई कहानी सुनाता या कोई किताब पढ़ने को मिलती तो मैं उसे बड़े चाव से पढ़ता।

पढ़ाई खत्म करने के बाद जब मैंने केन्द्रीय विद्यालय संगठन में सामाजिक विज्ञान विषय के अध्यापक पद पर कार्यभार ग्रहण किया तो देश के अलग — अलग भागों में विविध पृष्टभूमि के विद्यार्थियों के साथ पठन — पाठन का अनुभव मिला। इस अनुभव ने नई — नई कहानियों को जन्म दिया और मैंने लिखना शुरू किया।

पुस्तक “MOD” का विचार:

प्रश्न: “MOD” लिखने का विचार आपको कैसे आया? क्या कोई विशेष घटना या विचार था जिसने इस कहानी को जन्म दिया?
उत्तर: ‘मोड़’ लिखना मेरे जीवन का एक सुखद मोड़ रहा है। बात उन दिनों की है जब मैं उत्तराखंड के पहाड़ी जिले पिथौरागढ़ में कार्यरत था।

एक बार मेरी नियुक्ति पंचायत चुनाव में सुदूर नेपाल सीमा के पास स्थित एक गांव में हुई। इस कार्य के दौरान मैंने पहाड़ी लोगों की जिंदादिली, सांस्कृतिक विविधता के साथ उनकी सामाजिक और आर्थिक स्थिति और मुश्किलों को बहुत करीब से देखा। तब मुझे ‘कीड़ाजड़ी’ और उसकी अंतरराष्ट्रीय तस्करी के बारे में जानकारी मिली।

इस अनुभव और वहां के सुरम्य वातावरण के प्रवास ने मेरे अंदर एक हलचल पैदा कर दी और फिर शुरू हुआ ‘मोड़’ को लिखने का सिलसिला।

कहानी और विषयवस्तु:

प्रश्न:MOD” में हिमालय राज्य उत्तराखंड और बलदेव के जीवन संघर्ष को केंद्र में रखा गया है। इस स्थान और विषय को चुनने के पीछे आपका क्या उद्देश्य था?
उत्तर: विषय के केन्द्र में हिमालय और उत्तराखंड इसलिए हैं क्योंकि यह कहानी उसी भौगोलिक क्षेत्र की है।

जैसा की मैंने आप को बताया इस कहानी को कुछ वास्तविक विषयों और मुद्दों को ध्यान में रख कर लिखा गया है क्योंकि मैं इन सब को आम जनमानस तक पहुंचाना चाहता था।

रही बात ‘मोड़’ के मुख्य पात्र ‘बलदेव’ की तो वह कहानी की मांग के अनुसार एक काल्पनिक पात्र है।

चरित्र विकास:

प्रश्न: बलदेव और उदय जैसे पात्रों का विकास आप कैसे करते हैं? उनकी विशिष्टताओं और संबंधों को बनाने में आपको क्या चुनौतियाँ आईं?
उत्तर: किसी भी कहानी को प्रभावी रूप से प्रस्तुत करने के लिए उसके पात्रों का प्रभावी होना सबसे जरूरी है।

मोड़ के लिए चरित्र विकास करते हुए मुझे सबसे पहले तो यह ध्यान रखना था कि वो वास्तविक लगें और उनका संबंध पहाड़ी क्षेत्र से स्थापित हो।

मुख्य पात्रों में सबसे चुनौतीपूर्ण और एकदम अलग पात्र है ‘उन्नाभ’। मैं जब कहानी लिख रहा था तो ऐसा हुआ कि मैं एक जगह आकर अटक गया। कहानी को आगे बढ़ाने और विकसित करने के लिए एक रास्ता तैयार करना था लेकिन बात बन नहीं रही थी। तब एक दिन अचानक यह नाम और विचार मन में आया और फिर जैसे कहानी में नई जान आ गई।

लिखने की प्रक्रिया:

प्रश्न: “MOD” लिखने की प्रक्रिया कैसी रही? क्या आपने कोई विशेष योजना या संरचना का पालन किया?
उत्तर: मोड़ लिखने की प्रक्रिया काफी लंबी और उतार — चढ़ावों वाली रही। इसके लिए सबसे पहले मैंने जो कहानी लिखी वह और भी विस्तृत थी।

लेकिन पाठकों की पसंद और सहूलियत की ध्यान में रखकर मैंने इसे दोबारा लिखा।

लिखने के बाद प्रकाशन का चुनाव और प्रक्रिया मेरे लिए नई थी। क्योंकि यह हस्तलिखित थी ऐसे में प्रकाशित करवाना एक बड़ी चुनौती थी। इस दौरान राघव जी और उनके प्रकाशन हाऊस “ रिवॉल्ट पब्लिकेशन” का सहयोग मिला।

प्रतिक्रिया और प्रभाव:

प्रश्न: पाठकों से अब तक कैसी प्रतिक्रिया मिली है? क्या कोई प्रतिक्रिया विशेष रूप से यादगार रही है?
उत्तर: ‘मोड़’ के लिए मुझे पाठकों का बहुत प्यार मिला। उनकी प्रतिक्रिया, सलाह और सुझाओं ने मेरे लिए आगे का रास्ता आसान बनाया है और इसके लिए मैं सभी पाठकों को दिल से धन्यवाद देना चाहता हूं।

अभी तक मिली प्रतिक्रियाओं में सबसे खास रही एक इंस्टाग्राम पर मिली प्रतिक्रिया जिसे मैं आपको बताना चाहता हूं। एक दिन एक व्यक्ति ने मुझे मैसेज करके बात करनी चाही। बात करते हुए उसने कहानी की तारीफ करते — करते कहा “सर मुझे कीड़ाजड़ी चाहिए, बताओ आप कितने में उपलब्ध करवा दोगे?” यह सुनकर पहले तो मुझे हंसी आई और मैंने उसे समझाया कि भाई मैं यह सब काम नहीं करता लेकिन वह मानने को ही तैयार नहीं था और अगले कई दिन तक जब उसने जिद नहीं छोड़ी तो मुझे मजबूर होकर उसे ब्लॉक करना पड़ा।

भविष्य की योजनाएँ:

प्रश्न: क्या आप वर्तमान में किसी नए प्रोजेक्ट या पुस्तक पर काम कर रहे हैं? आपके पाठक आगे क्या उम्मीद कर सकते हैं?
उत्तर: अभी मैं अपने दूसरे उपन्यास ‘उर्मि’ पर काम कर रहा हूं। पाठकों को बहुत जल्दी यह पढ़ने को मिलेगा। मोड़ की तरह यह भी एक प्रेरणास्पद सामाजिक उपन्यास है। जिसकी पृष्ठभूमि राजस्थान का मेवाड़ अंचल है।

लेखक के रूप में यात्रा:

प्रश्न: एक लेखक के रूप में आपकी यात्रा कैसी रही है?
उत्तर: एक लेखक के रूप में अभी तक का मेरा अनुभव बेहतरीन रहा है। दरअसल यह मेरी पसंद का कार्य है इसलिए इसे करने में मुझे बेहद खुशी मिलती है। हालांकि इसमें चुनौतियां कम नहीं हैं लेकिन उनसे पार पाना भी सीखना है और सीखना मुझे पसंद है।

साहित्यिक चुनौतियाँ:

प्रश्न: “MOD” लिखते समय आपको कौन सी सबसे बड़ी चुनौतियाँ सामना करनी पड़ीं और आपने उन्हें कैसे पार किया?
उत्तर: — ‘मोड़’ को लिखते हुए सबसे बड़ी चुनौती थी उस क्षेत्र की समस्याओं को कहानी से जोड़कर लोगों तक पहुंचाना। इस दौरान यह भी ख्याल रखना था कि कहीं उपन्यास अपना मूल रूप न खो दे।

इस चुनौती से पार पाने के लिए मैंने स्थानीय लोगों की मदद ली और उन समस्याओं को कुछ वास्तविक तथ्यों के साथ जोड़कर रोचक बनाया। परिणाम आप के सामने है। कहानी कहीं भी बोझिल नहीं होती और न ही तारतम्यता का अभाव झलकता है।

उभरते लेखकों के लिए सलाह:

प्रश्न: उन उभरते लेखकों को आप क्या सलाह देंगे जो साहित्य के क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहते हैं?
उत्तर: सलाह की बात है तो मैं खुद अभी तक इस क्षेत्र में विद्यार्थी हूं फिर भी अपने अनुभव से यही कहना चाहता हूं कि लेखन एक ऐसी प्रक्रिया है जो एक दिन में नहीं होती।

जब आप लिखने की चाह दिल से महसूस करते हैं और इसे वक्त देते हैं तो यह होने लगती है। आज भी जब मैं कुछ लिखना शुरू करता हूं तो मुझे पता नहीं होता की अंत क्या होगा। लेकिन होते — होते यह हो जाता है। इसलिए पढ़ते रहो, लिखते रहो और आगे बढ़ते रहो।

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It was a treat and truly delightful to interview Mahesh. He is an amazing writer, individual, and an inspiration for all those want to become an author. Mahesh’s work is varied and he has a lot to offer to the world of writing and publishing. It will be exciting to follow his writing journey and career.

We urge all to check out his book : MOD
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Contact Mahesh Kumar:

Instagram : https://t.ly/68pab
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