Homepage
Open in app
Sign in
Get started
Videos
Bhagavad Gita
Hindi
By Sri Guru
SRM's Website
बुद्ध के चार आर्य सत्य
बुद्ध के चार आर्य सत्य
एक साधक की विचार-दिशा
Sri Guru
Jun 7, 2019
What is Sadhana at SRM?
What is Sadhana at SRM?
In the soul-centric movement of SRM, Sadhana is much more than just focusing our mind. Its a design that operates at multi-levels.
SRM Delhi
May 9, 2019
बुद्ध — समय की माँग
बुद्ध — समय की माँग
भारत की धन्य धरा पर अनेक-अनेक ऋषि, महात्मा, संत, मुनि जैसी दिव्य चेतनाएँ अवतरित हुई हैं और उनकी दिव्यता यही है कि जन्मोंजन्म से चल रही…
Sri Guru
Mar 13, 2019
भगवद गीता — विस्तार का सार
भगवद गीता — विस्तार का सार
साधक-साधना-सिद्धि का संपूर्ण मार्ग
Sri Guru
Jan 14, 2019
Sri Ben Prabhu
योग और यौगिक क्रिया
योग और यौगिक क्रिया
भारतीय विचारधारा में ‘योग’ को मनुष्य जीवन का उच्चतम आदर्श माना गया है। अनादि से चली आ रही इस योग परंपरा का निर्माण, प्रचार और व्याख्या योग…
Sri Guru
Oct 10, 2018
धर्म और अध्यात्म
धर्म और अध्यात्म
धर्म और अध्यात्म — ऐसे दो महत्वपूर्ण शब्द है जो हर मनुष्य के अंतरंग विकास मार्ग के आधार-स्तंभ हैं। स्वयं के सत्-स्वरूप की अनुभूति के लिए…
Sri Guru
Oct 8, 2018
प्रतीकों का जगत
प्रतीकों का जगत
ज्ञानियों की महा-कला
Sri Guru
Sep 17, 2018
निष्काम होना क्या?
निष्काम होना क्या?
धर्म जगत का मूल बिंदु है — निष्काम बनो। शास्त्रों के प्रत्येक सूत्र कामना छोड़ो, इच्छा छोड़ो, चाहत छोड़ो से भरे पड़े हैं। लेकिन मनुष्य का…
Sri Guru
Aug 24, 2018
स्वतंत्रता की ओर चार कदम
स्वतंत्रता की ओर चार कदम
August के महीने में जब पूरे देश में स्वतंत्रता दिवस मनाने की तैयारियाँ चलती है और हर प्रांत अलग अलग ढंग से स्वतंत्रता का उत्सव मनाता है…
Sri Guru
Aug 14, 2018
अनेकांतवाद
अनेकांतवाद
जैन धर्म की प्रमुखता
Sri Guru
Jul 17, 2018
संपूर्ण-मनुष्य — पश्चिम व पूर्व का मिलन
संपूर्ण-मनुष्य — पश्चिम व पूर्व का मिलन
पिछले छः वर्षों से पश्चिम की भूमि पर जा कर अपने धर्म संबंधित सूझाव को प्रस्तुत करने का एक अनमोल अवसर जीवन से मिल रहा है। यह अवसर मुझे मेरी…
Sri Guru
Jul 5, 2018
भगवद गीता — एक सम्पूर्ण मार्ग
भगवद गीता — एक सम्पूर्ण मार्ग
श्रीमद् भगवद गीता के अट्ठारह अध्याय में भगवान श्रीकृष्ण ने कर्म योग, भक्ति योग और ज्ञान योग की विस्तृत प्ररूपना करी है। मेरे अब तक के पढ़े…
Sri Guru
May 29, 2018
अपेक्षाओं पर कुछ विचार
अपेक्षाओं पर कुछ विचार
— Sri Ben Prabhu
Sri Guru
Apr 28, 2018
क्या जीवन में एक ही गुरु होना चाहिए?
क्या जीवन में एक ही गुरु होना चाहिए?
गुरु गुरु में भेद नहीं
Sri Guru
Apr 13, 2018
रंगो का अध्यात्म
रंगो का अध्यात्म
होली मात्र त्योहार न था, भीतर लौटने का आयोजन था
Sri Guru
Feb 28, 2018
अवलोकन — कैसे करें?
अवलोकन — कैसे करें?
आंतरिक यात्रा का प्रथम क़दम
Sri Guru
Feb 6, 2018
Spiritual Resolutions to Re-invent Your Self
Spiritual Resolutions to Re-invent Your Self
It’s New Year time and every year people make new year’s resolutions to turn into a better person — physically, mentally, intellectually or…
Sri Guru
Dec 31, 2017
नवरात्रि — उत्सव का आध्यात्मिक पहलु
नवरात्रि — उत्सव का आध्यात्मिक पहलु
अध्यात्म पथ पर प्रगतिशील साधकों के लिए नवरात्रि के त्यौहार की अनुपम महिमा है। संपूर्ण वर्ष दरमियान आती ‘शिवरात्रि’ साधक के लिए साधना में…
Sri Guru
Sep 21, 2017
मनुष्य मन — अनंत संभावनाओं की परतें
मनुष्य मन — अनंत संभावनाओं की परतें
इस पृथ्वी पर मौज़ूद सभी जातियों में सर्वाधिक विशिष्ट जाति मनुष्य की मानी जाती है। यह विशिष्टता मनुष्य के दो हाथ, दो पैर, चेहरे आदि शारीरिक…
Sri Guru
Sep 14, 2017
संबंधों का गणित
संबंधों का गणित
एक समृद्ध जीवन की पहचान
Sri Guru
Jul 23, 2017
गुरु गोविंद दोउ खड़े, काको लागूं पाय ?
गुरु गोविंद दोउ खड़े, काको लागूं पाय ?
गुरु गोविंद दोउ खड़े, काको लागूं पाय ? बलिहारी गुरु आपने, जिन गोविंद दियो बताय।।
Sri Guru
Jul 10, 2017
गुरु कृपा — विज्ञान, मनोविज्ञान या वरदान
गुरु कृपा — विज्ञान, मनोविज्ञान या वरदान
प्रश्न — अध्यात्म परंपरा में गुरु कृपा की महिमा सर्वोच्च कही गई है। कहते हैं कि गुरु की कृपा के बिन इस मार्ग की न तो समझ उघड़ती है , न ही…
Sri Guru
Jun 26, 2017
5 Fundamentals of Jainism
5 Fundamentals of Jainism
Exploring the Spiritual Side
Sri Guru
Jun 3, 2017
मुमुक्षुता की भूमिका — भाग 3/3
मुमुक्षुता की भूमिका — भाग 3/3
श्रीमद् राजचंद्रजी ने अपने काव्य ‘इच्छे छे जे जोगिजन’ में मुमुक्षुता की तीन भूमिकाएँ लिखी है। उन्हीं तीन भूमिकाओं के लक्षणों को समझाते हुए…
Sri Guru
May 20, 2017
मुमुक्षुता की भूमिका — भाग 2/3
मुमुक्षुता की भूमिका — भाग 2/3
श्रीमद् राजचंद्रजी ने अपने काव्य ‘इच्छे छे जे जोगिजन’ में मुमुक्षुता की तीन भूमिकाएँ लिखी है। उन्हीं तीन भूमिकाओं के लक्षणों को समझाते हुए…
Sri Guru
May 12, 2017
मुमुक्षुता की भूमिका — भाग 1/3
मुमुक्षुता की भूमिका — भाग 1/3
श्रीमद् राजचंद्रजी ने अपने काव्य ‘इच्छे छे जे जोगिजन’ में मुमुक्षुता की तीन भूमिकाएँ लिखी है। उन्हीं तीन भूमिकाओं के लक्षणों को समझाते हुए…
Sri Guru
May 5, 2017
क्या मैं सद्गुरु की शरण में हूँ ?
क्या मैं सद्गुरु की शरण में हूँ ?
या केवल व्यक्तित्त्व का आकर्षण है?
Sri Guru
Apr 26, 2017
कर्म-बंध को अटकाने के 5 तरीक़े
हर व्यक्ति को कर्म करना आवश्यक है, पर ज़रूरी नहीं की उसका हर कर्म उसे बंधन में ही डाले। शुक्रिया से क्षमा तक, श्री बेन प्रभु इस लेख में ऐसे…
Sri Guru
Apr 22, 2017
ईश्वर क्या और भगवान कौन ?
ईश्वर क्या और भगवान कौन ?
इस लेख में श्री बेन प्रभु अध्यात्म के सबसे गहरे दो शब्द ‘ईश्वर’ और ‘भगवान’ के बारे में बता रहे हैं। वे इन दोनो शब्दों के बीच की भिन्नता के…
Sri Guru
Apr 9, 2017
About Bliss of Wisdom
Latest Stories
Archive
About Medium
Terms
Privacy
Teams