मख़दूम मुकर्रम क़ाज़ी अब्दुल जमील के नाम
Published in
1 min readJan 13, 2015
जनाब-ए-आली वह गज़ल जो कहार लाया था वहाँ पहुँची जहाँ मैं जाने वाला हूँ यानी आदम-ए-मुद्दआ यह कि गुम हो गया
जनाब-ए-आली वह गज़ल जो कहार लाया था वहाँ पहुँची जहाँ मैं जाने वाला हूँ यानी आदम-ए-मुद्दआ यह कि गुम हो गया