नहीं मिले
Published in
Mar 13, 2023
ज़ख़्म कभी सिले नहीं,
फिर भी कोई गिले नहीं,
थोड़ा बंजर रहते हैं,
ऐसा नहीं की कभी खिले नहीं,
हरे कितने हैं वो बताएँगी
जिनको हम कभी मिले नहीं!
ज़ख़्म कभी सिले नहीं,
फिर भी कोई गिले नहीं,
थोड़ा बंजर रहते हैं,
ऐसा नहीं की कभी खिले नहीं,
हरे कितने हैं वो बताएँगी
जिनको हम कभी मिले नहीं!