गोष्ट ची गोष्ट

Mihir Pathak
LearningWala STUDIO
7 min readJul 17, 2021

language learning workshop at community learning centers of Pune — Maharashtra

पुणे में मोईनि फ़ाउंडेशन द्वारा ६ कोम्यूनिटी लर्निंग सेंटर चलाए जाते है जो वोडाफ़ोन आइडिया फ़ाउंडेशन के CSR प्रोजेक्ट का पार्ट है । यहाँ पर कोम्यूनिटी सेंटर्स में आयोजित भाषा कार्यशाला का विवरण दिया गया है ।

कार्यशाला का उदेश्य :

  • बच्चे भाषा कैसे सीखते है , भाषा सीखने की प्रक्रिया में कहानी सुनना — कहानी बनाना — गपशप करना कैसे उपयोगी होता है उसके बरेमे चर्चा करना ।
  • भाषा के विविध कौशल को सीखने की प्रक्रिया को ज़्यादा मज़ेदार और नेचरल बनाने के लिए स्टोरी प्रॉम्प्ट कार्ड, शॉर्ट फ़िल्म, थीएटर गेम्स जैसे टूल्स का डेमो देना ।
  • कार्यशाला के दौरान बच्चों को अपनी कहानी बनाने के लिए प्रोत्साहन देना और उनको स्टोरी बुक फ़ोरमेट में आगे ले जाना ।

दिन १ (श्रमिक वसाहत)

कार्टून से कहानी :

  • कार्यशाला की शुरुआत बच्चों के साथ इंफ़ोरमल बातचीत से हुई ।

“आपको सेंटर पे कौनसी एक्टिविटी पसंद है ?

आप कौनसा कार्टून देखते हो ?”

  • इसके साथ हमने अपने फ़ेवरेट कार्टून या सुपर हीरो के चित्र बनाए ।
  • बच्चों के द्वारा बनाए गये चित्रों में से कुछ चित्र को सिलेक्ट कर के हमने साथ में कहानी बनाने की शुरुआत की ।
  • कहानी बनाने की प्रक्रिया में सभी बच्चों को जोड़ा गया ।
  • मुख्य पात्र कौनसा होगा ? उसका नाम क्या रहेगा ? उसकी समस्या क्या होगी ? इस समस्या कौन कैसे हल करेगा ? इन सारी बाटो पे बच्चों के साथ मिल कर चर्चा की गई और आख़िर में हमारे पास एक मज़ेदार कहानी थी ।
Draw your favorite cartoon

लर्निंग आउटकम :

  • अर्थग्रहण
  • अलग अलग परिस्थितीयो में से भाषा सीखना
  • सर्जनात्मकता
  • प्रॉब्लम साल्विंग
  • ग्रुप में काम करना

ध्यान में रखेने जैसी बातें :

  • बच्चों के साथ दोस्ती करनी है जिससे वो आपके साथ खुल के बात कर पाए ।
  • बच्चों के ऊपर अपने विचार थोप ने की जगह उनकी कल्पना को प्रोत्साहन दो ।
  • बच्चों को जोड़ी में या ग्रुप में काम करने के मौक़े दे ।
  • कोई कहानी सही — ग़लत नहीं होती । पर बच्चों को केरेक्टर बिल्ड करने में और केरेक्टर की समस्या को जयदा मज़ेदार और असामन्य तरीक़े से हल करने के लिए प्रोत्साहित करे ।
  • कहानी बनाने के बाद हमने स्टोरी प्रॉम्प्ट कार्ड का उपयोग करके भी कहानी बनाने की कोशिश की पर उसमें उतना मज़ा नहीं आया ।
  • फिर हमने ‘लम्बी दाढ़ी वाले बाबा’ बाल गीत किया , माइंड जोग गेम खेली और बच्चों से एक मराठी बाल गीत ‘घड़ी में वाज़ले १’ सुना

दिन २ (लक्ष्मी कोलोनी)

फ़िल्म देखे क्या ? :

  • लक्ष्मी कोलोनी में कार्यशाल की शुरुआत फ़िल्म स्क्रीनिंग से की गई । जिस में नीचे की फ़िल्में दिखाई गई ।
  1. Grasshopper and Ants
  2. Man by Steve Cutts
  3. Two by Satyajit Ray
  • फ़िल्म दिखाते समय और फ़िल्म दिखाने के बाद बच्चों के साथ फ़िल्म के बरे में चर्चा की गई । नीचे कुछ उदाहरण के प्रश्न और चर्चा के मुद्दे दिए गए है :

छोटे बच्चों के साथ :

  • फ़िल्म में कौन कौनसे जानवर दिखाए गए थे ?
  • लाल रंग की कौनसी चीजें थी ?
  • फ़िल्म में कौनसा मौसम दिखाया गया था ?
  • फ़िल्म में दो केरेक्टर के बीच क्या रिश्ता
  • फ़िल्म में कौनसा समय दिखाया गया है
  • आपको कौनसे सिन में सबसे ज़्यादा मज़ा आया ?
  • आपको कौनसे सिन में दुःख हुआ या ग़ुस्सा आया ?
  • आप इस केरेक्टर की जगह होते तो क्या करते ?
  • विडियो को रोक कर पूछ सकते ही की आगे क्या होगा

बड़े बच्चों के साथ :

  • फ़िल्म में आती चीजों को माहिति के अलावा केरेक्टर की मनो स्थिति के बारेमे ज़्यादा प्रश्न पूछ सकते है ।
  • फ़िल्म दिखाई गई जगाहे , चीजें , कोंसेप्ट से विज्ञान , सामाजिक विज्ञान के कुछ कोंसेप्ट को जोड़ कर चर्चा की जा सकती है ।
  • फ़िल्म के अंत को re create किया जा सकता है ।
  • फ़िल्म में दिखाए गये कोंसेप्ट पर से कोई रियल लाइफ़ प्रोजेक्ट भी किया जा सकता है ।
FilmWala Class

लर्निंग आउटकम :

  • अर्थ ग्रहण
  • भाषा विकास
  • critical thinking
  • संवेदनशीलता

कक्षा १ से ५ के लिए शॉर्ट फ़िल्म का प्ले लिस्ट

कक्षा ६ से ऊपर के लिए शॉर्ट फ़िल्म का प्ले लिस्ट

कार्ड से कहानी तक :

  • स्टोरी प्रॉम्प्ट कार्ड की मदद से कहानी बनाने की प्रक्रिया में हम ने सबसे पहेले बच्चों ४ प्रकार के कार्डस में से केरेक्टर केटेगरी के कार्डस दिखाए और उस पर बातचीत की ।
  • केरेक्टर केटेगरी के कार्डस में से कोई एक कार्ड को कहानी बनाने के लिए सिलेक्ट किया गया और फिर केरेक्टर बिल्डिंग की प्रोसेस की गई । उदाहरण के तौर पर हम ने ‘बाल हाथी’ का कार्ड सिलेक्ट किया और उसके बारे में बातचीत की ।

हाथी क्या खाता है ? कैसे बोलता है ? वो पूरे दिन क्या करता होगा ? हाथी के दोस्त होंगे या नहीं ?

हाथी को क्या इच्छाए होंगी ? हाथी की क्या समस्या होगी ?

  • पूरी बातचीत में बच्चों को ज़्यादा से ज़्यादा जोड़ ने की कोशिश की गई । केरेक्टर और उसकी समस्या फ़िक्स होने के बाद बच्चों को चार चार के ग्रुप में बाटा गया और आगे की कहानी बनाने को बोला गया ।
  • जब बच्चे अपने ग्रुप में कहानी बना रहे थे तब दूसरी केटेगरी (ओबजेक्ट, प्लेस, सिच्युएशन)के कार्ड दिए गए जिनसे उनको कहानी आगे बढ़ाने के लिए प्राम्प्ट्स मिले ।
  • आख़िर में सभी ग्रुप ने अपनी अपनी कहानी सबसे के सामने प्रस्तुत की ।
Story creation in group

लर्निंग आउटकम :

  • अर्थग्रहण
  • अलग अलग परिस्थितीयो में से भाषा सीखना
  • सर्जनात्मकता
  • प्रॉब्लम साल्विंग
  • ग्रुप में काम करना

दिन ३ (मालवाडी)

कार्डस से खेले, खेले कार्डस से :

  • मालवाड़ी सेंटर पर स्टोरी प्रॉम्प्ट कार्डस की मदद से खेली जाने वाली गेम्स का डेमो दिया गया ।

मेमरी गेम : बच्चों दूसरे बच्चों का कार्ड याद रख के बताएँगे

एक्ट योर कार्ड : आपके कार्ड में जो चित्र ही उसको बोले बिना एक्टिंग कर के दूसरे बच्चों को समझाएँगे ।

चित्र अर्थग्रहण : कार्ड में दिखाए गए चित्र पर चर्चा और सवाल जवाब करने

Games with cards

लर्निंग आउटकम :

  • चित्र अर्थग्रहण
  • मेमरी
  • नोन वरबल कोमयुनिकेशन
  • सर्जनात्मकता

दिन ४ (गांधीनगर)

  • गांधीनगर सेंटर पे शॉर्ट फ़िल्म के द्वारा एक्टिविटी और आउटडोर गेम्स खेली गई

दिन ५ (जनतानगर)

  • जनता नगर सेंटर पे स्टोरी टेलिंग की गतिविधि की गई ।जिसमें co ordinators ने बच्चों को कहानिया सुनाई ।
  • इसके अलावा बच्चों के साथ इमप्रोव थीएटर की कुछ गति विधि का डेमो दिखाया गया । जिसमें बच्चों को एक पोजिशन लेने को कहा जाता है । जैसे के कोई खा रहा है , कोई दोड रहा है । फिर फ़ेसिलिटेटर एक परिस्थिति देगा जैसे की ‘आप रेल्वे स्टेशन पे हो’ , ‘आप दोस्त की बर्थ डे पे गए हो’ और बच्चे उस परिस्थिति के हिसाब से अपने मन से कोई ड़ाइलोग बोलते है और सिन को आगे ले जाते है ।
  • इस गति विधि को आगे ले जाते हुए आप बच्चों को ग्रुप में बाट सकते हो और उनको अपना खुद का सिन तैयार कर के सब के साथ प्रस्तुत करने का कह सकते है ।

लर्निंग आउटकम :

  • सर्जनात्मकता
  • वरबल कोमयुनिकेशन
  • प्रॉब्लम साल्विंग
  • भाषा विकास

टीम के द्वारा दिए गये फ़िडबेक में से फ़िल्टर आउट की गई कुछ बातें :

  • बच्चों के साथ बच्चे बनना बहोत ज़रूरी है । तभी बच्चे हमारे साथ खुलेंगे और participate कर पाएँगे ।
  • बच्चों को मारना नहीं है । ग़ुस्सा भी कम से कम करना है । discipline mainten करने के लिए बच्चों के साथ मिल के क्लासरूम नोर्म्स बनाने चाहिए ।
  • कुछ स्किल्स या गति विधि एसी होगी जो co ordinators के लिए नई होगी । एसी चीजों को धीरे धीरे कर के सीखना है । प्रयोग करना नहीं छोड़ना । बच्चे आपको कभी जज नहीं करंगे इसीलिए जैसा भी आता है काम करना जारी रखो ।
  • महीने की थीम के सिवा भी बच्चों को एंगेज करने के लिए कुछ एक्टिविटी का लिस्ट बना के रखना चाहिए ।
Team meeting

co ordinators को नीचे के विषयों में केपेसिटी बिल्डिंग की ज़रूरत लगी :

  • टिंकरिंग & रोबोटिक्स
  • लाइब्रेरी और पुस्तकों के साथ बच्चों को कैसे जोड़े
  • महीने के थीम के सिवा बच्चों को एंगेज करने के लिए गति विधियाँ

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