सूर्य-सी हूँ
Published in
Mar 8, 2024
न करना मेरी तुलना
मलिन, परावलंबी चंद्रमा से
कहो कि सूर्य-सी हो
सुबह सौंधी आभा से प्रकाश लाती,
भरी दोपहरी चरम पर दहकती
जैसे हर रक्तबीज का वध करने निकली हो
कष्टों से कमाई शाम को सिंदूर ओढ़ती
तुम्हारे कैमरे के लिए पोज़ रेडी
ओझल हो जाती सनसेट पॉइंट से,
कल मिलने का वादा करके।
मुझ पर लिखना चुभती धूप का सच,
मुझे अच्छा लगेगा।
©️ जूही