गम से ऐसी दोस्ती रहा करती है

Aman Singh
Literary Impulse
Published in
Dec 12, 2022
Source: Shutterstock

गम से ऐसी दोस्ती रहा करती है
नस नस में पीड़ा बहा करती है

उनकी जुल्फों के तले हम जो कभी सो ना सके
हमें सुलाने की कोशिश अब दवा करती है

गम ने तो हमेशा गले से लगाया है
वो ख़ुशियाँ ही हैं जो हया करती हैं

कभी इक नज़र हमारी तरफ भी देख लें
जो कहते हैं कि जिंदगी दया करती है

झूठ है कि खुदा से उम्मीद है मुझको
बस दिल बहलाने का काम दुआ करती है

अब बच्चे भी तेरे दर से गुज़रते नहीं ‘अमन’
एक पूछने पे बोला माँ मना करती है

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