दादी मां और उनका टेप रिकॉर्डर ♥️
दादी मां की बहुत पुरानी आदत थी, टेपरिकॉर्डर पर गीत सुनने की!
"सुरमई अखियों में नन्हा मुन्ना एक सपना दे जा रे।"
"क्या दादी मां आप पूरे दिन यही क्यों सुनती रहती हो?" मैंने भी एक दिन उन जिज्ञासा भरी नजरों से पूछ ही लिया। तब दादी मां मुस्कुराकर बोली "तुम इस गीत के तिलिस्म को नहीं जानती टीना। बचपन में इसे सुनते ही सो जाया करती थी तुम।" आश्चर्य हुआ सुनकर, सोचा आजमा कर देख लू। एक वो दिन था और एक आज का दिन है - उसी टेप रेकॉर्डर पर, वहीं सुरीली आवाज़ सुनकर सोया करती हूं मै। लेकिन एक दिन यह गीत अचानक न्यूज में बजने लगा। मैंने फट से जाकर न्यूज देखी तो पता चला कि श्री देवी जी अब नहीं रही।
और उस दिन पहली बार रात में रेकॉर्डर चलाया।
"सुरमई अखियों में नन्हा मुन्ना एक सपना दे जा रे"
लेकिन कमबख्त नींद ना आ पाई।