नव युग निर्माण तुम्हें करना है…
हे स्त्री! तुमको खुद से एक प्रण करना है,
नव युग निर्माण तुम्हें करना है,
बेबुनियादी दायरों को समाज से दूर करना है।
जब तुम प्रेम, रक्षा, त्याग ,सम्मान और दया जानती हो,
तो अपने दायरे तय करना भी बखूबी जानती हो,
बेबुनियादी दायरों को समाज से दूर करना है।
हे स्त्री! तुमको खुद से एक प्रण करना है,
नव युग निर्माण तुम्हे करना है,
क्योंकि तुम एक स्त्री हो,
लोग तुम पर अपनी सोच थोपेंगे,
तुम्हें बताएँगे क्या पहन सकती हो,
कहाँ जा सकती हो,
किससे बात कर सकती हो,
पर तुम क्या चाहती हो, वह अब तुम्हें तय करना है,
अपना बेहतर आज और कल करना है,
हे स्त्री! तुमको खुद से एक प्रण करना है,
नव युग निर्माण तुम्हें करना है।
-पूनम कसेरा बोर्डिया