मेरी तुकबंदी
Published in
1 min readSep 17, 2020
शब्द भाव की नहीं है मंदी
मुक्तक दोहे में है सन्धि,
सिर पर रख हिंदी की बिंदी
प्रस्तुत है मेरी तुकबंदी |
शब्द भाव की नहीं है मंदी
मुक्तक दोहे में है सन्धि,
सिर पर रख हिंदी की बिंदी
प्रस्तुत है मेरी तुकबंदी |
Freelance Hindi writer from the City of Nawabs.