केंद्र के सम्मान से अब भी वंचित किसान

Satyampandey
Nukkad Corner
Published in
3 min readMar 21, 2021

केंद्र सरकार के सम्मान से किसान अब भी वंचित है। केंद्र सरकार ने किसानों को सम्मान देने के लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना को लागू किया था। जिसका लक्ष्य उन किसानों को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराना था, जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं। इसका शर्त है कि ये उन्हीं किसानों को मिलेगा जिनके पास अपना खेत है। जिसे सरकारी शब्दों में रैयत किसान कहते है। उनके लिए नहीं जो दूसरे का खेत बटाई या अधिया पर लेकर खेती करते हैं। वे अब भी केंद्र के सम्मान से वंचित है। इन किसानों को सरकारी शब्दों में गैर-रयैत किसान कहते है।

केंद्र सरकार ने 1 दिसंबर 2018 को पूरे देश में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना को लागू किया था। जिसके अंतर्गत किसानों को प्रत्येक वर्ष 6000 रुपये दिया जाता है। इस योजना के आंकड़े को देखेंगे तो 2018 में जब इस योजना की शुरुआत की गई थी, उस वर्ष के तिमाही यानी दिसंबर से मार्च 2018–19 तक 3,16,05,060 किसानों को पीएम किसान योजना का लाभ दिया गया था।

Source — Screenshot of PM Kisan

बिहार के किसानों से बात करने पर पता चला की उन्हें केंद्र सरकार की इस योजना का कोई लाभ नहीं मिलता है। एक किसान ने कहा, “हम जैसे लोगों को कहां से पीएम किसान सम्मान निधि योजना का लाभ मिलेगा। हमारे पास खेत ही नहीं है। मैं दूसरे का खेत बटाई पर लेकर खेती करते है। दो बीघा खेत लेकर खेती करते है। खाने-चबाने के लिए काम भर फसल काट लेते है। दूसरों के खेतों में मजदूरी भी करते है।” ये हालात किसी एक किसान की नहीं है। बिहार में अनेकों किसानों के हालात कुछ इसी तरह के है।

क्या है इस योजना का मानदंड

1. इस योजना के तहत छोटे और सींमात किसान परिवारों को प्रति वर्ष 6 हजार रुपये दिये जाएंगे।

2. इस योजना का लाभ 2 हेक्टेयत तक की संयुक्त भूमि जोत/स्वामित्व वाले छोटे किसानों को दिया जाएंगा।

3. राज्य सरकार और केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन उन किसानों की पहचान करेंगे।

4. उन्हें उनके खाते में सीधे पैसे भेजे जाएंगे। जिससे बीच में बिचौलियों से किसानों को मुक्ति मिल जाएंगी।

2019–20 के वित्तीय वर्ष को देखे तो अप्रैल से जुलाई, अगस्त से नंवबर और दिसंबर से मार्च तक 6,63,17,083 किसानों, 8,75,79,244 किसानों और 8,94,97,023 किसानों को क्रमशः लाभ दिया गया है। तो वही वित्तीय वर्ष 2020–21 में अप्रैल से जुलाई, अगस्त से नंवबर और दिसंबर से मार्च तक 10,48,93,914 किसानों, 10,21,35,291 किसानों और 9,68,06,780 किसानों को क्रमशः लाभ दिया गया है। पिछले तीन वर्षों में औसतन 11.69 करोड़ लाभुकों का लाभ दिया गया हैं।

इस योजना का लाभ लेने के लिए क्या है प्रक्रिया

किसान को अपने नजदीकी सहायता केंद्र पर जाकर पीएम किसान सम्मान निधि योजना के लिए अप्लाई करना होगा। इसके लिए उसके पास आधारकार्ड, मोबाइल नंबर और जमीन की रसीद या कागज होना चाहिए। बहुत से किसानों के पास अपने नाम पर जमीन नहीं है। उनके दादा के नाम पर है। लेकिन उनके घर में बटवारा हो गया है। वैसे किसान अपने ग्राम के मुखिया से वंशावली अर्थात प्रमाण पत्र बनाकर ले जाना होगा।

पहचान पत्र के तौर पर आधार कार्ड होने से भी किसानों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। किसानों का केवाईसी (फिंगरप्रिंट) नहीं हो पाता है। जिससे उनका आवेदन छट जाता है।

Source — Newsclick

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना अनेकों प्रश्न खड़ा करता है। जिसे बिहार के ग्रामीण इलाकों में जाने पर इसकी सच्चाई सामने आती है। अभी भी बिहार के ग्रामीण इलाकों में ऐसे अनेको किसान है जिनके पास कभी जमीन थी। अब भूमिहीन हो गए है। वैसे लोगों को इस योजना से क्यों वंचित रखा गया है? ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए सालाना 6 हजार रुपये बहुत ही ज्यादा अहमियत रखता है। जिससे वे अपने कठिन समय में इस्तेमाल करते है। कोरोना काल के दौरान किसानों ने इस योजना के द्वारा प्राप्त पैसों से अपने खर्च वहन किया था।

--

--