बस यहीं तो इतना कमाया है हमने
मैं हंस खेल न पाया मोहल्ले में अपने
बस यहीं तो इतना कमाया है हमने
ये समाज की साजिशों ने जो दबाया है हमको
किस कदर झकझोरा है चूसा है हमको
ये मासूमियत तो तुमने छीनी है हमसे
ये इंडस्ट्रियल रेवोलुशन के बहाने से
कहा अब बना देंगे हम तुमको बेहतर
यह बता कर बना डाला हम सब को नौकर
ये देसी की तौहीन कर कर के तुमने
बता कर के बोला ये है तुमसे बदतर
कहा लोगों ने हमको वैसा है बनना
ये आधुनिक का मजा हमको है चखना
है आती नींद ये जमीन पर भी बेहतर
हूँ चाहता मैं क्यों सोना आसमां चढ़ कर
ये ख्वाहिश जो चीजों की बनायीं गयी
वो भारी क्यों तेरे वजूदों से भी
है बोला ये किसने तू भाग इस दौड़ में
ये तूने है मंजिल चुनी अपने आप की
जो कहता है लिखने का गूदा नहीं है
तो बता ये कलम की क्या कारीगरी है