कभी कभी मेरे दिल में

Tulika Verma
sardikidhoop
Published in
1 min readSep 24, 2023

कभी कभी मेरे दिल में ख़याल आता है

कि ये ज़मीन ये तारे ये झिलमिल बारात उनकी

ये चाँद का गहना जो रात ने पहना है

ये हवाओं की अठखेलियाँ जो लुभाती है दिल

ये रातों को छतों पर गुज़ारे हुए पल

ये सर्दियों की धूप में मखमल सी नींद

ये चूल्हे से उठता हुआ सौंधा सा धुआँ

ये सरसों के सुनहरे खेतों का दामन

ये दोपहरों की लुका छुपी में बीता बचपन

ये मासूम बचपन के जैसी ओस की बूँदें

ये खामोश मोहब्बत भरी दीवानी ग़ज़लें

ये सुबह का उभरता हुआ नारंगी सूरज

ये खिड़की पे बिखरते हुए धूप के टुकड़े

ये रेत में डूबे हुए पैरों के अंगूठे
ये तस्वीरों पर पड़े वक़्त के धब्बे

ये समंदरों को चखना नज्मों में

ये हाथों का मिलना अनजाने में

ये सिहरन जो उठती है उनके आने से

ये तलाश बंजारे से सवाली मन की

कभी कभी मेरे दिल में ख़याल आता है

ये साँसों में घुलती हुई पल पल ज़िंदगी

और इससे हुई मुहब्बत के हमारे किस्से

क्या जी पायेंगे हमारे बाद भी…पल दो पल?

Originally published at http://sardeekeedhoop.blogspot.com.

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