दिल में आता है लिखूं
Published in
Sep 24, 2023
आज दिल में आता है लिखूं
तब तक जब तक सूख न जाएँ
स्याही या फिर आंसूं
या मिल न जाए जवाब
उस सवाल का जो दिल ने
खुद से पूछा है डर डर के
आज दिल में आता है लिखूं
जब तक खामोशियाँ
उतर न जाएँ कागज़ पर
हैरान से ख़्वाबों को जब तक
हो न जाए सच का यकीन
तब तक लिखूं जब तक
धुंआ न हो जाए रात
और एक रात के साथ साथ
धुंआ हो जाएँ उम्र भर के जज़्बात
दिल में आता है लिखूं
के जब तक रुक न जाए हाथ
जब तक थम न जाए ज़िंदगी
छूट न जाए सांस
Originally published at http://sardeekeedhoop.blogspot.com.