मुझे आज़ाद रहने दो
मेरी लंबी अँधेरी रात है अभी मुझको जलने दो
अकेला ही है मेरा रास्ता मुझे तनहा ही चलने दो
इन जगमग बिल्डिंगों में बसते हैं उलझे हुए रिश्ते
मेरी सीधी सड़क को तुम मुझे आशियाना कहने दो
अकेला ही है मेरा रास्ता मुझे तनहा ही चलने दो
सोने की ये दीवारें घोंट देंगी दम मेरा
मुझे झोले पहनने दो, जेबें ख़ाली रखने दो
अकेला ही है मेरा रास्ता मुझे तनहा ही चलने दो
जो छूटीं यारियाँ तो दिल में जगह सी बन गयी
अब अपनी ही सोहबतों को मेरे दिल में बसने दो
अकेला ही है मेरा रास्ता मुझे तनहा ही चलने दो
मैं चाहूँ छोड़ दूँ दामन यादों के ख़्वाहिशों के
ये परतें हटानी हैं ये परदे सरकने दो
अकेला ही है मेरा रास्ता मुझे तनहा ही चलने दो
क्यों इंक़लाबी है मेरा होना ही तुम पर
अकेली औरत हूँ इंसान हूँ, मुझे आज़ाद रहने दो
अकेला ही है मेरा रास्ता मुझे तनहा ही चलने दो
Written: July 2021