अध्याय २, श्लोक २३
Published in
Feb 26, 2022
नैनं छिन्दन्ति शस्त्राणि नैनं दहति पावकः। न चैनं क्लेदयन्त्यापो न शोषयति मारुतः।।
यह आत्मा न तो कभी किसी शस्त्र द्वारा खण्ड-खण्ड की जा सकती है, न अग्नि द्वारा जलायी जा सकती है, न जल द्वारा भिगोया या वायु द्वारा सुखायी जा सकती है।