अध्याय २, श्लोक ३८

Suyash Upadhyay
Srimad Bhagavad Gita
Feb 26, 2022

सुखदुःखे समे कृत्वा लाभालाभौ जयाजयौ। ततो युद्धाय युज्यस्व नैवं पापमवाप्स्यसि।।

तुम सुख या दु:ख, हानि या लाभ, विजय या पराजय का विचार किये बिना युद्ध (कर्म) के लिये युद्ध (कर्म) करो । ऐसा करने पर तुम सभी पापों से बच जाओगे ।

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Suyash Upadhyay
Srimad Bhagavad Gita

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