कोविड-१९ के युग में क्रिप्टोकरेंसी

Riya Sarkar
Unocoin’s Blog
Published in
3 min readJul 18, 2020

कोविड-१९ कहे जाने वाला सर्वव्यापी महामारी सिर्फ इंसानी ज़िंदगी की हानि या स्वास्थ्य से जुड़ी हुई परेशानियों से संबंधित नहीं रहा, बल्कि आर्थिक रूप से नुकसान का कारण भी साबित हो चुका है I पन्या सामग्री, ऋण पत्र व इक्विटी शेयर में पूंजीकृत अर्थ के रूप में परंपरागत निवेश के मूल्य में भारी गिरावट देखा गया हैं I इसका वर्णन करते हुए अंतराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने इसे बीसवीं सदी की शुरुआत का आर्थिक महामंदी से भी तुलना किया है।

अतीत में विकेन्द्रीकृत, आम स्तर पर क्रिप्टोकरेंसी का प्रस्तावना अप्रत्याशित एवं अनचाहे संयोग के रूप में एक और आर्थिक संकट का सामना किया, जो सन २००८ का मंदी कहलाता है। यह सातोशी नाकमोटो उप नाम से लिखने वाला किसी लेखक द्वारा रचित बिटकॉइन श्वेत पत्र प्रकाशित होने और ब्लॉक-चैन डेटाबेस प्रस्तुत करने के अल्पकाल बाद ही उजागर हुआ था। इसके उपरांत, आजतक तीन हज़ार से ज़्यादा क्रिप्टोकरेंसी का प्रस्तावना हो चुका है। इसमें कोई भी हैरत की बात नहीं है के आज की स्थिति और आर्थिक संकट के मद्देनज़र, निवेशक अपने संपत्ति व धनराशि को सुरक्षित करने व ज़्यादा मुनाफ़ा कमाने हेतु दोबारा बिटकॉइन की ओर आकर्षित हो रहे हैं।

हर्ष की बात यह हैं की कोविड-१९ की परिस्थितिओं में भी निवेश से जुड़े हुए स्टॉक मार्केट्स आदि जैसे आर्थिक लेनदेन के सूचकों के समरूप क्रिप्टोकरेंसी या बिटकॉइन के मूल्यों में कोई विशेष गिरावट परिलक्षित नहीं हो पाया हैं — बजाय के इनमे निवेश करनेवालों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि देखा गया। IAMAI (इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया) का ब्लॉकचेन और क्रिप्टोकरेंसी समिति के भूतपूर्व प्रमुख श्री अजीत खुराना का पर्यवेक्षण हैं की पिछले कुछ सालों में कई वाणिज्यिक मंच पे इसके सौदे की बढ़ोतरी तक़रीबन चार सौ फीसदी (400%) तक बयान किया गया हैं। हमारे देश में संभवतः क्रिप्टोकरेंसी के रोज़ाना ख़रीद-फ़रोख़्त US $ 10 से 30 मिलियन के होते हैं I

क्रिप्टोकरेंसी निवेश में रुचि वृद्धि के पक्ष में एक तर्क यह हैं के इस महामारी ने हमें मजबूर किया सामान्यतः घर के चार दीवारी में सीमित रहने। इससे हम और ज़्यादा डिजिटल जीवनशैली अपना रहे है, प्रावैधिक रूप से प्रगति की और बढ़ते हुए। आर्थिक आमदनी का कम होना या मेहनताना में कटौती हमें एक तरह से प्रोत्साहित करता हैं निवेश के नए नए विकल्प पर मनन करने। घर में रहकर इंटरनेट पर ज़्यादा वक़्त बिताने से हमे ज्ञान वृद्धि व अपनी कुशलता में सुधार करने का मौका मिलता I साथ ही, क्रिप्टोकरेंसी में निवेश हमें यह अवसर भी देता हैं के हम कम ब्याय में अपने धन को नियोजित कर पाए, निम्न शुल्क का फायदा उठाते हुए।

महामारी के दौरान बाजार की ओर एक नज़र डालने से यह आसानी से अबलोकित होता हैं के क्रिप्टोकरेंसी के मूल्य और स्टॉक मार्केट के सूचकांक बहुत थोरेसे समय के लिए ही एक दूसरे से अनुबंधित रहा या एक दूसरे से कोई वास्ता रखते हुए आगे बढ़ा। इसकी वजह खुद बाजार नहीं रहा, बल्कि नकदी प्रवाह का मुद्दा और इससे संयुक्त बिटकॉइन की मात्रा हर चार साल में आधी हो जाना ही बुनियादी तौर पे जिम्मेदार रहा। यहाँ लक्षणीय है के इस साल (सन २०२०) ११ मई को (पहले उल्लेख किया गया) बिटकॉइन की मात्रा आधी हो चुकी हैं। यहाँ यह भी जिक्र करना लाज़मी हैं की इस साल क्रिप्टोकरेंसी को माननीय उच्चतम न्यायालय से एक बहुत बरी रहत मिली जब भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा पूर्व घोषित संपूर्ण प्रतिबन्ध के विरुद्ध अदालत ने (मार्च २०२०) निर्णय दिया ओर इसके लेन-देन को दोबारा वैध करार दिया।

हमें यह कतई नहीं समझ लेना हैं के क्रिप्टोकरेंसी में निवेश बिलकुल जोखिम से मुक्त हैं — बल्कि क्रिप्टोकरेंसी की गतिविधियाँ हमेशा से अस्थिरता और परिवर्तनशीलता से पूर्ण रहा। परन्तु जैसे जैसे इसमें और ज़्यादा निवेश होगा, इसका अस्थिरता और ज़्यादा संतुलित व सुव्यवस्थित होता रहेगा, समय के साथ। ब्लूमबर्ग के हवाले से कहा गया — निवेशकों का परिपक्वता, उनके सोच व दर्शन की गहराई और लेन-देन की अरक्षितता इसमें स्थिरता लाएगा और निश्चित रूप से इसकी सुसंगत अभिमूल्यन में सुधार लाएगा।

कोई भी पेशेवर, होनहार व बुद्धिमान निवेशक सदा ही यह नसीहत देता हैं के आर्थिक संकट के समय काल में आपके निवेश में विविधता हमेशा होशियारी और समझदारी से भरा हुआ साबित होता है। ऊपर में लिखा हुआ कारणों से यह भी ज़हीर होता हैं के क्रिप्टोकरेंसी में निवेश का विकल्प आज़माना आपको अपने निवेश सूचि में विविधता लाने का एक सही व सठिक चुनाव का सुझाव देता हैं ।

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