आप थलसेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत को कितनी अच्छी तरह जानते हैं ?
बिपिन रावत (AVSM, YSM, SM, VSM) भारतीय थलसेना के प्रमुख हैं। उन्हें सेना प्रमुख दलबीर सिंह सुहाग का उत्तराधिकारी नियुक्त किया गया। रावत ने ३१ दिसंबर २०१६ को थल सेनाध्यक्ष के पद का भार ग्रहण किया।
प्रारंभिक जीवन
इनका जन्म उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले में रावत राजपूत वंश में हुआ था। इनके पिता लेफ्टिनेंट जनरल लक्ष्मण सिंह रावत, जो सेना से लेफ्टिनेंट जनरल के पद से सेवानिवृत्त हुए। रावत ने ग्यारहवीं गोरखा राइफल की पांचवी बटालियन से 1978 में अपने करियर की शुरुआत की थी।
रावत ने देहरादून में कैंबरीन हॉल स्कूल, शिमला में सेंट एडवर्ड स्कूल और भारतीय सैन्य अकादमी , देहरादून से शिक्षा ली , जहां उन्हें ‘सोर्ड ऑफ़ ऑनर ‘ दिया गया। वह फोर्ट लीवनवर्थ , यूएसए में डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज , वेलिंगटन और हायर कमांड कोर्स के स्नातक भी हैं।
उन्होंने मद्रास विश्वविद्यालय से डिफेंस स्टडीज में एमफिल , प्रबंधन में डिप्लोमा और कम्प्यूटर स्टडीज में भी डिप्लोमा किया है। 2011 में, उन्हें सैन्य-मीडिया सामरिक अध्ययनों पर अनुसंधान के लिए चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय , मेरठ द्वारा डॉक्टरेट ऑफ़ फिलॉसफी से सम्मानित किया गया।
शिक्षा
- बिपिन रावत ने भारतीय सैन्य अकादमी से स्नातक उपाधि प्राप्त की है।
- आई एम ए देहरादून में इन्हें ‘सोर्ड ऑफ़ ऑनर’ से सम्मानित किया गया था।
- देवी अहिल्या विश्वविद्यालय से रक्षा एवं प्रबन्ध अध्ययन में एम फिल की डिग्री।
- मद्रास विश्वविद्याल से स्ट्रैटेजिक और डिफेंस स्टडीज में भी एम फिल।
- 2011 में चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से सैन्य मिडिया अध्ययन् में पीएचडी।
सैन्य सेवाएं तथा रोचक तथ्य
राजपूत परिवार में पैदा हुए रावत की कई पीढ़ी सेना में रही है।
- जनवरी 1979 में सेना में मिजोरम में प्रथम नियुक्ति पाई।
- नेफा इलाके में तैनाती के दौरान उन्होंने बटालियन की अगुवाई की।
- कांगो में संयुक्त राष्ट्र की पीसकीपिंग फोर्स की भी अगुवाई की।
- 01 सितंबर 2016 को सेना के उप-प्रमुख का पद संभाला।
- 31 दिसंबर 2016 को सेना प्रमुख का पद।
पुरस्कार एवं सम्मान
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