रिश्तो की अहमियत (Importance of Relations)

Kaushal Shah
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1 min readSep 10, 2018
Bottled Memories

रिश्तो के जाल में फसे है हम, कहते हैं यहीं हम सबसे

भागते रहते हैं उनसे, जो पुकारते रहे हमे हमारे नाम से

जिनके साथ बचपन बिताया, यादें बनाई, बरसों से

आज वही सारे हमारे, खटकने लगें हैं भीतर से

वही मा, जो सुलाती, खिलाती, हसती थी

तुम्हे डाटने पर खुद रो देती थी

तुम्हारी पसंद को अपनी पसंद बना देती थी वोह मा

आज उससे बात करने, उसकी पसंद को समझने का वक़्त कैसे भुलाना था

पापा तो थे ही सख़्त, नही करने देते थे मनचाहा वोह

उन्हे क्या पता मुझे चाहिए क्या, समझाएँगे बचत का पाठ आज फिर वोह

मेरा, दोस्तों के साथ जाना उन्हे पसंद नही था

घर पे रहले कभी, हाथ बटा, बस यही उनका रोज़ का कहना था

आज जब अकेला हूँ, नही कोई पुच्छने वाला

तब जाकर समझ आया, उनका रोकना ही तरीका था मेरे साथ वक़्त बिताने का

रिश्ते तो हमने जोड़े, तोड़े भी हमने

याद करने वालों की अहमियत न जानी हमने

अपनी ग़लती जान लो, मान लो, वक़्त है थोड़ा

बटोरलो वोह सारे रिश्ते, जिन्हे हमने ही है छोड़ा

बिल्कुल सच है के आए थे अकेले और जाना भी है अकेले

मगर यादें, और यही रिश्ते होंगे, तो काँसेकम जा पाएँगे मुस्कुराते अकेले

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Kaushal Shah
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“It seems as though inspiration strikes at the most unlikely times”