Shoonya pe sawar, fan poem
Published in
Mar 12, 2021
प्रतीक्षा ना कल की है,
ना बीते का विचार है,
प्रतीक्षा ना कल की है,
ना बीते का विचार है,
मै आज हूं अजिंक्य हूं,
मै अग्नि का प्रकोप हूं,
जलने से मैं क्या डरूँ,
मै विष्नु का प्रल्हाद हूं,
मै शुन्य पर सवार हूँ