As I walked down from the metro stairs one sultry afternoon, the dozing rickshaw pullers tried to ignore me;
I looked down the line, to see if I could find a familiar rickshaw puller, so as to avoid being fleeced.
मोदी जी ने कहा था कि “जो अपने बाप का न हो पाया वह किसी का नहीं हो सकता। “मैं माँ बाप दोनों को इस में सम्मलित करूँगा। क्यों कि जननी माँ हमें धरती है तथा अबोध शिशु अवस्था में हमें अपना दूध पिला कर पोषित करती है। माँ की हम जितनी भी सेवा करें कम है , धारिति का ऋण हम कभी नहीं चूका सकते हैं।
मुझे कुछ कुत्ते पालक पड़ोसिओं ने बताया कि वे लोग घरेलु कुत्ते को परिवार का सदयस्य मानते हैं। तथा कैसा भारतीय जीव कल्याण बोर्ड के २६ फरवरी २०१५ के दिशानिर्देश में भी लिखा है।