Dheerendra Kumar Gautamअस्तित्व : सच या झूठ ●रोज की भाग-दौड़ भरी जिन्दगी में भागते-भागते हम खुद से ही कब दूर हो गये,कुछ पता ही न चला !Feb 19, 2018Feb 19, 2018
Dheerendra Kumar Gautamगरम केतली●बस एक स्टेशन छूटा ही था,कि अचानक बंद आँखों ने धड़-धड़ कर चलती ट्रेन से सहम कर,खुद को नग्न कर लिया और ख़्वाबों की दुनियां से घसीटकर मुझे…Jan 1, 2018Jan 1, 2018
Dheerendra Kumar Gautam°कटिंगअचानक शरीर में एक झनझनाहट सी हुई,और पूरी पीठ अकड़ के रह गयी ! अकड़न इतनी गहरी,कि शरीर का एक-एक रोम चिल्लाकर मुझे उससे दूर जाने की ख्वाहिश…Jun 12, 2017Jun 12, 2017
Dheerendra Kumar Gautam●ऊँची तकिया●रोज बिस्तर के किनारें दीवार से सटी,सज-संवर के बैठी रहती थी वो ! इन्तजार रहता था तो सिर्फ किसी के आने का,उसके कोमल बालों को हाथ लगाने का …Dec 19, 2016Dec 19, 2016
Dheerendra Kumar Gautam●सूखी प्यास●रोड आज फिर अकेले तनहा लेटी हुई थी,गर्मी ने उसे बेजान कर उसकी सारी खूबसूरती छीन ली थी,हर तरफ सिर्फ “सन्नाटे का शोर” था,गजब का रुतबा था…Oct 10, 2016Oct 10, 2016
Dheerendra Kumar Gautamभूख की खोज●कई नन्हें-नन्हे क़दमों को मैंने आज दौड़ते हुए देखा था,हर कदम एक कहानी बयाँ करते थे !Sep 18, 2016Sep 18, 2016
Dheerendra Kumar Gautam●सुकून की आस ●कुछ दिनों से शरीर में एक दर्द सा रहने लगा था,सिर तो यूँ भारी लगता था जैसे कोई हथौड़े से इंटे तोड़ रहा हो ।Aug 18, 2016Aug 18, 2016
Dheerendra Kumar Gautam●[चीखती आँख ]●13 वर्ष की आयु में माँ के निधन के पश्चात,जिन्दगी को नजदीक से समझ चुके पिताजी के कदमों से कदम मिलाकर बड़ा होने लगा था मैं,पढ़ाई में कुछ ख़ास…Aug 18, 2016Aug 18, 2016
Dheerendra Kumar Gautam“रक्त का दर्द”20 साल का हो चला हूँ,अन्जान हूँ आज भी खुद से,दुनियां से,समाज से,लोगों के अनसुने विचारों से और खुसबू देकर अक्सर चली जाने वाली उन ठंडी और गरम…Aug 12, 2016Aug 12, 2016