ScrappyThoughtsI’m amazed to see how time flies Little bother to what is gonna right Putting aside my grief so…“समय बहता जा रहा या उड़ता जा रहा। बस कशमकश और यादें छोड़ता जा रहा।।”May 3, 2020May 3, 2020
ScrappyThoughtsनारी जीवन एक अभिशाप…सीता का हरण हुआ, त्रेतायुग इससे अपना मरण किया द्वापर के अंत की शुरुआत हुई, जब द्रौपदी के मानका उल्लंघन हुआ। अब कलियुग का देहांत हो गर पीड़ा…Dec 1, 2019Dec 1, 2019
ScrappyThoughtsपरम्परा…! आज़ादी या पैरों की बेड़ी?सोचती हूँ जब परम्परा के विषय में, लगाती हूँ मैं इसका हिसाब। तौलती हूँ जब इसके मायने, सहलाती हूँ तब मैं इसके ख़्वाब।।Jul 20, 2018Jul 20, 2018
ScrappyThoughtsमैं ख़ुशनसीब हूँ जो पग हैं मेरे…मैं खुशनसीब हूँ जो पग हैं मेरे, असम उनके जो अपंग हैं। जिन्हें कहीं जाने से पहले सोचना पड़ता। जिन्हें सदैव ख़ुद से ये बोलना पड़ता। मैं ऐसा ही…Jul 12, 2018Jul 12, 2018
ScrappyThoughtsबेटी घर से विदा हुई…बेटी घर से विदा होती, महकाती आँगन सास का। पापा सब भूल गए, उत्तरदायित्व अपने जन्म का।। बोले बेटी, उस घर की है अब, मेरे सर का बोझ नहीं।…May 31, 2018May 31, 2018
ScrappyThoughtsAre We Really Human Machine..?It seems the way is lost, The way is hidden behind the walls, Behind the trees, behind the shrubs. Each step is bit clumsy Ask my heart, is…May 13, 2018May 13, 2018
ScrappyThoughtsये गीत किसके लिए लिखते हो…उसने पूछा, "ये गीत किसके लिए लिखते हो?" मैंने कहा, "बस ऐसे ही ज़ुबां पर आजाता है, और हम बयाँ कर देते हैं।"May 2, 2018May 2, 2018
ScrappyThoughtsज़ुल्मों को हथियार बनाकर…ज़ुल्मों को हथियार बनाकर, अंग्रेजों ने हुकुम चलाया थाApr 29, 2018Apr 29, 2018
ScrappyThoughtsकभी कभी हम यादें बुन बैठते हैं…कभी कभी हम यादें बुन बैठते हैं, वो यादें जो ना बने तो अच्छा हैApr 18, 2018Apr 18, 2018
ScrappyThoughtsऐ ज़िन्दगी तेरा शुक्रिया…आज हर याद चुभ रही है, वो हर बात सता रही हैFeb 4, 2018Feb 4, 2018