Vaibhav Sharmaउलझन…असमंजस में हूँ कि क्या लिखूं, ख्याल हज़ार है ज़ेहन में, किस वाक़िये के बारे में लिखूंJan 19, 2023Jan 19, 2023
Vaibhav Sharmaसफ़र…सफ़र की शुरुआत में एक कसक एक इंतज़ार एक बैचेनी सी थी , फिर एक के बाद एक ठिकाने से जैसे मन खुल सा गया अनजाने ठिकानो से दोस्ती सी हो गयी,Jun 13, 2022Jun 13, 2022
Vaibhav Sharmaकुदरत…यादों में बूंदों की बेहोशी की आवाज़ पलकों की किनोर पर मोती की तलाशMar 29, 2020Mar 29, 2020
Vaibhav Sharmaदेख ज़रा, सोच ज़रा…सोच ज़रा उस शख्स के बारे में जो कह नहीं सकता, थोड़ा उन मजबूरियों के बारे थक चुकी है अपनी कहानी बयान करने के लिए,Mar 20, 2020Mar 20, 2020
Vaibhav Sharmaसैलाब..क्या है ये जो बुदबुदा रहा है, ख़ामोशी में चिल्ला कर एक वाक़्यात बता रहा है, जिस आंधी की खबर नहीं जहां को, उस इंक़लाब के रुख को बखां रहा है,Jan 26, 2020Jan 26, 2020
Vaibhav Sharmaवाक़िफ़खोये एक ढाँचे सी मिसाल थी ज़िन्दगी, तेरी मुलाक़ात ने रूह से वाक़िफ़ करा दिया,Jan 9, 2020Jan 9, 2020
Vaibhav Sharmaउफ़ानआया नया साल फिर कुछ नयी बातें लेकर पर क्या बीता साल छोड़ गया सारी कहानियां उसकी ?? क्या सिर्फ एक दिन के फासले ने बड़ा दी दूरियां उन दोनों…Jan 3, 2020Jan 3, 2020
Vaibhav Sharmaवक़्त…अपनी ताकतों के मायने बता दिए, अपनी पहुँच के अंदाज़े सुना दिए, देख अगर इसको मना सकता है तो, तेरी समझ के सिमटे दायरे इसने बता दिए,Sep 5, 2019Sep 5, 2019