Homepage
Open in app
Sign in
Get started
zehn
Follow
मैं लिखता गया
मैं लिखता गया
पहले मैं कह देता था जो भी मुंह में आता था दिल से भले हो या ना हो सुननेवाला हँस देता था
Ambarish Chaudhari
Sep 2, 2018
रेंगते पल
रेंगते पल
टूथ ब्रश को मुँह में ठूसे हुए मेरी सुबह आँखे मल रही थी
Ambarish Chaudhari
Aug 27, 2018
विश्वरूपी वृक्ष
विश्वरूपी वृक्ष
आम्रवृक्ष के असंख्य फलों में से एक फल वो भी था
Ambarish Chaudhari
Aug 9, 2018
चलता हूँ मैं
चलता हूँ मैं
घर की ओर पैदल निकलता हूँ मैं रास्ते में ही मन बदलता हूँ मैं एक खाली रिक्शा तरस खाता है जिस में चढ़ के घुटने मलता हूँ मैं
Ambarish Chaudhari
Aug 7, 2018
इज़हार-ए-जुनूँ
इज़हार-ए-जुनूँ
इज़हार-ए-जुनूँ अपना करने नहीं दिया झूठी तसल्ली ने मगर मरने नहीं दिया
Ambarish Chaudhari
Jul 2, 2018
Stork Diaries
Stork Diaries
A haiku series
Ambarish Chaudhari
Feb 8, 2018
अचार विचार
अचार विचार
उन दिनों विचार अचार की तरह होते थे बड़े चाव से बनते और हज़म होते थे
Ambarish Chaudhari
Jan 14, 2018
About zehn
Latest Stories
Archive
About Medium
Terms
Privacy
Teams