असहिष्णुता

अक्सर लोग बातें तो करते है ;
 सच को छोड़, झूठ का सहारा लिया करते है !
संवेदना विहीन इस जग में ;
 हमदर्द तलाशा करते है !
क्यूँ नहीं खुलती आँखें तब तक;
 कोई पीड़ा हृदय को विचलित न कर दे !
मूंदे हुए नयनों से;
 इंसानियत ढूंढा करते है !
यूँ ही अक्सर लोग बातें तो करते है !!