ऐ चाँद आसमान में तनिक जल्दी आ जानाकोई मेरे लिए भी आज व्रत रख रही हैसुबह से भूखी प्यासी है मेरे इंतेज़ार मेंबस एक तेरे दीदार की शर्त रख रही…
मश्रूफ़ियत के दिनों मेंहम पर घट रही है कुछ ऐसे,