ग़लत को ग़लत कहना जिनसे सीखा,वो अब ग़लत को ग़लत कहने से डरता है।
अपनी हद में रहा करअपनी हवाओं में बहा करमाँ तेरी डरी डरी सी रहती हैइतना बेबाक़ ना कहा करहर चीज़ का हल नहीं होता लड़ाईथोड़ा सा तो तू सहा करमैंने समझाया कि माँदुनिया बदलने वालेबुख़ार से नहीं मरते,माँ बोलीलिख ठीक ठाक लेता हैशब्द दिल में उतार देगोलियों का शौक़ हैबस ये ना कहा कर!
मुझसे मिला तब पूरा तूफ़ान थाजो मेरे किनारे आकर ठहर गयाजब तक मन किया, साथ रहाफिर कर मुझे अजनबी शहर गयामुझे भी कहा थाबाक़ी सब दो तीन दिन के ठिकाने हैंतुम्हीं तो हो जो घर है मेरादो महीने में घर बदल लिए इसनेआसमान नहीं बदल सकता था तोपर बदल लिए इसनेये एक ऐसा तूफ़ान हैजिसकी सुनामी कहीं…
तहज़ीब रही नहीं घात करने कीचर्चा है नहीं ये मात करने की,
इश्क़ चढ़ता हुआ सूरज माँगता है,तुम्हें जल्दी बहुत है रात करने की
मेसैजे का जवाब आए दो दिन मेंफ़ुरसत रही नहीं है बात करने की
छोटे सवाल जैसे किदिन कैसा थाखाना खाया की नहींरात को नींद कैसी आयीया फिरकुछ लिखा है, पढ़ोगी?कर लेने दिया करो
बड़े सवालों की फ़ुरसतहम दोनों में से किसी के पास नहीं!
लंदन में कोई ऋषि चर्चा में आयातो मुझसे पूछा, तू कब आएगा?
दिल्ली का सफ़र बहुत लम्बा है,साथ रह, दूर तक चला जाएगा
फ़िलहाल टिकट DC की हैवापस लौट कर यहीं आना है
वो जो चैन से सोते है रातों मेंक्या उनके ख़्वाब मेयारी नहीं है
सब राज बताए जाएँगेपर्दे हटाए जाएँगे
खेलने की आदत है नासरेआम हराए जाएँगे
सर चढ़कर जो बैठे थेनज़रों से गिराए जाएँगे
अब ज़ख़्म भराए जाएँगेकई तख़्त हराए जाएँगे
ज़ख़्म कभी सिले नहीं, फिर भी कोई गिले नहीं,थोड़ा बंजर रहते हैं,ऐसा नहीं की कभी खिले नहीं, हरे कितने हैं वो बताएँगी जिनको हम कभी मिले नहीं!
दिल कहता है कि अगर वो तुम्हारी है,जाकर उसे एक साड़ी दे आओ ना!फिर भी अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारे,जाके उसे एक कुल्हाड़ी दे आओ ना!आदमी अच्छा है लेकिन सफ़र लम्बा मिला है,मेहरबानी होगी, एक गाड़ी दे आओ ना!थार बन गया है जो ख़ुद को समंदर कहता था,उसके हिस्से में बारिश पहाड़ी दे आओ…