हिंदी उपन्यासों में राजनैतिक व्यंग और ‘राग दरबारी’
बीते कई दशकों में उपन्यासों में यदि राजनैतिक व्यंग की बात की जाए तो एक उपन्यास जिसका नाम सबसे पहले ज़ेहन में उभरता है वो है — राग दरबारी. इसे जितनी भी बार पढ़ा है, हर बार व्यंग के नए आयाम उभर कर सामने आए हैं. ऐसे में एक सहज जिज्ञासा हो सकती है…